राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ भागने के बाद अब श्रीलंका की अदालत हरकत में आई, पूर्व पीएम को देश छोड़ने से रोका
श्रीलंका में गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए देश छोड़ कर भाग जाने के बाद अब अदालत हरकत में आई है। अदालत ने आदेश जारी कर कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे देश छोड़ कर नहीं जा सकते।

अदालत का यह आदेश ऐसे दिन आया है जिस दिन गोटाबाया राजपक्षे के श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की औपचारिक घोषणा की गई। श्रीलंका के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने पत्रकारों को बताया था कि राजपक्षे ने उन्हें सिंगापुर से जानकारी दी थी कि वो इस्तीफा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है।
राजपक्षे का इस्तीफी कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद आया। आलोचकों का कहना था कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन किया। इस कारण श्रीलंका के 22 मिलियन लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। श्रीलंका में 1978 से राष्ट्रपति पास अधिक शक्तियां होने का सिस्टम अपनाए जाने के बाद गोटाबाया पहले राष्ट्रपति हैं जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राजपक्षे देश में निजी यात्रा पर आए हैं और उन्होंने अभी तक ना तो शरण मांगी है और ना ही उन्हें शरण दी गई है।
20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चयन
श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से देश में खाने की जरूरी समान की कमी हो गई है। दवाईयों और ईंधन की कमी के कारण हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं। देश से भागे गोटाबाया राजपक्षे ने सिंगापुर पहुंच कर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले वो श्रीलंका से भाग कर मालदीव पहुंचे थे। श्रीलंका में अब 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चयन किया जाएगा।