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March 10, 2025

एसआरएचयू ने तीन सौ टीबी रोगियों को लिया गोद, एक साल तक पोषाहार और उपचार की देगा सुविधा

देहरादून में डोईवाला स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्विविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट की ओर से एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में टीबी के 100 रोगियों को पोषाहार किट वितरित किए गए। कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू जॉलीग्रांट ने भारत सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 300 टीबी रोगियों को गोद लिया है। इन्हें संस्थान की ओर से प्रत्येक माह पोषाहार सहित जांच एवं उपचार में सहयोग किया जाएगा। भविष्य में संस्थान ने 1000 टीबी रोगियों को गोद लेने का लक्ष्य रखा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शनिवार को एसआरएचयू के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग, ग्राम्य विकास संस्थान व छाती एवं श्वास रोग विभाग की टीम ने आस संस्था के सहयोग से प्रथम चरण में एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में 100 टीबी रोगियों को पोषाहार किट वितरित की। इस दौरान डॉ.राखी खंडूरी ने बताया कि पर्याप्त भोजन की कमी भारत में टीबी या तपेदिक का मुख्य कारण है। स्वस्थ लोगों की तुलना में कुपोषित लोगों में टीबी होने की संभावना चार गुणा बढ़ जाती है। उपचार के दौरान बीच में दवा छोड़ने से टीबी गंभीर हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आस की संस्थापक हेमलता बहन ने बताया कि हिमालयन अस्पताल की ओर से प्रत्येक माह 300 रोगियों को यह किट दी जाएगी। इसमें डोईवाला से 100, ऋषिकेश से 100 व बहादराबाद के 100 टीबी रोगी शामिल होंगे। कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ.शैली व्यास नौटियाल ने रोगियों से आह्वान किया कि वह किट का सही ढंग से उपयोग सुनिश्ति करें। डॉ.राजीव बिजल्वाण ने बताया कि इसके बाद डोईवाला व बहादराबाद में टीबी रोगियों को पोषाहार किट प्रदान की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पोषाहार किट में दालें, दलिया, सूजी, अंडे, मूंगफली एवं दूध आदि पोषक खाद्य पदार्थ शामिल है। टीबी रोग से स्वस्थ हो चुके लोगों ने संचालन में वॉलंटियर सहयोग दिया। इस दौरान लक्ष्मी, लीला उनियाल, पारुल, संयोगिता, उपासना, अपूर्वा आदि ने सहयोग दिया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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