Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 26, 2025

ललित मोहन गहतोड़ी का गीत-कतई कतई

कतई कतई…
सुनो श्रीमती… क क क क कलावती…
बोले पति… तुम कतई कतई…
क क क कतई कतई तुम…
ज्ञानांक्षुर मेरे खोल दिए तुमने
बोल दो मीठे बोल दिए तुमने…
तुम ही प्रियतमा तुम घरवाली
मैं तुम्हारा पति पति…
सुनो श्रीमती…
भूत भविष्य को छोड़ के आजा
वर्तमान में लौट के आजा…
आ मिलकर हमजोली गाएं
हम दिलवाले लखपति…
सुनो श्रीमती…
अर्धांगिनी हो तुम मेरी
मैं तुम्हारा गंगाधर हूं…
खाओ कसमें हम रहें वश में
बनूंगा पत्नीव्रता पति…
सुनो श्रीमती…
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं। उनका कहना है कि जल्द वह फल्गुनी फुहारें का पांचवां विशेषांक प्रकशित करने जा रहे हैं इसमें पिछले सौ वर्ष पूर्व की रचनाकारों की हस्तलिखित पुस्तक के कुछ विशेष रचनाओं का भी प्रकाशन किया जाएगा।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *