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September 25, 2024

पेंशन के पैसों के 85 साल की उम्र में ‘छामा’ ने लोगों के लिए तैयार किए मास्क, आज कह दिया दुनिया को अलविदा

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85 साल की उम्र में समाज सेवा में सक्रिय रही कामरेड गंगा थापा ‘छामा’ ने आज इस दुनियां को अलविदा कह दिया। इस उम्र में भी अंतिम सांस तक वह समाज सेवा के लिए तत्पर रही। लोगों के लिए सिलाई मशीन से मास्क तैयार करती। यही नहीं मास्क बनाने के लिए उन्होंने अपनी पेंशन के पैसे तक खर्च कर दिए। आज उनके निधन पर सीपीएम सहित अन्य कम्युनिष्ट संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शव पर पार्टी का झंडा चढ़ाया। झंडे को झुकाकर श्रद्धांजलि दी। ज्येष्ठ पुत्र प्रेम सिंह थापा ने उनके शव को मुखाग्नि दी।
कामरेड गंगा थापा ‘छामा’ ऐसा नाम है, जो समाज के उन सभी लोगों को प्रेरणा देता है, जो कहते हैं कि इस उम्र में हम क्या करें। वृद्धावस्था के दौरान शरीर संबंधी विभिन्न बीमारियों से जुझते हुए भी गंगा थापा ने जिंदरी से हार नहीं मानी। कोरोनाकाल के शुरूआती समय से ही वह सिलाई मशीन के सामने बैठ जाती और मास्क सिलने लगती। आसपास के लोग उन्हें कपड़ा देते। या फिर वह स्वयं के पेंशन के रुपये खर्च कर मास्क तैयार करती रही। आसपास के लोग बताते हैं कि वह करीब हजार से अधिक मास्क लोगों को बांट चुकी थी।


बल्लीवाला चौक स्थित आवास में आज छामा ने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार लक्खीबाग श्मशानघाट पर किया गया। सीपीएम से जुड़े लोगों ने बताया कि छापा एक समय पर जनवादी महिला समिति में भी सक्रिय रही। वह समाजसेवी थीं। उन्होंने घर के आसपास की महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई व बुनाई सिखाई और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा।


उनके निधन की सूचना मिलते ही जनवादी महिला समिति, सीपीएम कार्यकर्ताओं की भीड़ उनके घर लग गई। इस दौरान पार्टी के झंडे को झुकाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही झंडे से शव को लपेटा गया। दो मिनट का मौन भी रखा गया। उनको श्रद्धान्जलि देने वालों में सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, राजेंद्र पुरोहित, अनन्त आकाश, लेखराज, शिवपप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, नुरैशा अन्सारी, रविन्द्र नौडियाल, माला गुरूंग, किशन गुनियाल, शम्भु प्रसाद ममगाई आदि शामिल थे ।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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