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March 13, 2025

अब तक 18 लाख तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम, 155 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत, 140 पशुओं की भी गई जान

इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरे जोरों पर है। रिकॉर्ड यात्री इन धामों में पहुंच रहे हैं। वहीं, ऊंचाई पर स्थित इन धामों में ऑक्सीजन की कमी के चलते हार्ट अटैक से मौतों का भी रिकॉर्ड बनता जा रहा है। वहीं, घोड़ा और खच्चरों की मौत का सिलसिला भी जारी है।

इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरे जोरों पर है। रिकॉर्ड यात्री इन धामों में पहुंच रहे हैं। वहीं, ऊंचाई पर स्थित इन धामों में ऑक्सीजन की कमी के चलते हार्ट अटैक से मौतों का भी रिकॉर्ड बनता जा रहा है। वहीं, घोड़ा और खच्चरों की मौत का सिलसिला भी जारी है। कपाट खुलने के बाद से अभी तक चारों धामों में करीब अठ्ठारह लाख तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं, सात जून तक 155 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। वहीं, घोड़ा खच्चर या अन्य पशुओं की भी इन धामों के रास्तों में मौत हो चुकी है। केदारनाथ रूट पर अब तक 140 पशुओं की मौत हो चुकी है।
अब तक रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
इन दिनों चारधाम यात्रा रूट पर मौसम सामान्य है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में बारिश का दौर भी चल रहा है। श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 8 मई से गुरुवार तक 618312 तीर्थयात्री धाम पहुंच गये। श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से आज तक 598590 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच गये। इसमें हेलीकॉप्टर से पहुंचे 61273 तीर्थयात्री भी शामिल हैं। श्री गंगोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से आज तक 333909 तथा श्री यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से आज तक 250398 तीर्थयात्री यमुनोत्री पहुंच गये है। अभी तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचनेवाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग 1216902 है । श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 584307 रही।‌ आज तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 1801209 (अठारह लाख एक हजार दो सौ नौ ) है।

बृहस्पतिवार शाम चार बजे तक श्री बदरीनाथ 9362, केदारनाथ 12578 यमुनोत्री 6238 तथा गंगोत्री 9049 तीर्थ यात्री पहुंचे। कपाट खुलने की तिथि 22 मई से अभी तक श्री गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 63124 रही है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन / चारधाम यात्रा प्रशासन / गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधन ट्रस्ट के सहयोग से लोकसूचनार्थ तथा मीडिया की तरफ से चारधाम यात्रा संबंधित आंकड़ों की जानकारी पहुंचाने के मद्देनजर जारी किये गये है।
इस संबंध में मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी के अनुसार माननीय पर्यटन- धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज जी के निर्देश गोपेश्वर/ रूद्रप्रयाग चारधाम यात्रा समीक्षा बैठक दिनांक 21-22 मई के क्रम में चारधाम यात्रियों के आंकड़े विभिन्न सरकारी एजेंसियों के समन्वय से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा लोकसूचनार्थ जारी किये जा रहे है।
अब तक चारों धाम में हो चुकी 155 यात्रियों की मौत
चारों धामों के अधिक ऊंचाई में होने के चलते वहां ऑक्सीजन की कमी भी है। ऐसे में हृदय गति रुकने से मौतों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार यात्राकाल में ऐसी मौतों का भी रिकॉर्ड बन रहा है। चारों धाम के साथ ही ऋषिकेश में हार्ट अटैक से मरने वालों की अब तक कुल संख्या 155 हो चुकी है। इनमें यमुनोत्री में अब तक 37, गंगोत्री में 10, केदारनाथ में 70, बदरीनाथ में 33, ऋषिकेश में 05 तीर्थयात्रियों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
140 पशुओं की भी मौत
इन चारधाम यात्रा रूट में पशुओं की मौतों का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। केदारनाथ यात्रा रूट पर अब तक कुल 140 पशुओं की मौत हो चुकी है। इनमें घोड़े और खच्चर शामिल हैं। सचिव पशुपालन विभाग डॉ. वीवीआरसी पुरुषोत्तम ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में हो रही पशुओं की मृत्यु पर विभाग पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने जानकारी दी कि पशुपालन विभाग यात्रा मार्ग पर निरंतर स्थिति का निरीक्षण कर रहा है। विभाग द्वारा पशुओं को निरंतर चिकित्सा एवं उनके मालिकों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में अभी तक 140 पशुओं की मृत्यु हुई है। विभाग की ओर से अभी तक 6880 पशुओं का निरीक्षण किया गया है। इनमें 1804 पशुओं को चिकित्सा प्रदान की गई है। तथा 118 पशुओं को यात्रा के लिए अयोग्य पाया गया। इसके साथ ही 91 पशु मालिकों के चालान भी किए गए हैं। 411 पशुओं को यात्रा प्रतिभाग से ब्लॉक भी किया गया। नौ मामलों में एफआइआर भी दर्ज की गई है। साथ ही निरंतर पानी की चारियों की सफाई व्यवस्था की जा रही है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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