जंतर मंतर में हेट स्पीच को लेकर बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय समेत छह गिरफ्तार
दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी और भड़काऊ टिप्पणी के मामले में दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है। इस मामले में बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह शामिल हैं। प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है। इसी के बैनर तले भारत छोड़ो आंदोलन नाम का कार्यक्रम जंतर-मंतर पर किया गया था। बता दें कि जंतर-मंतर पर अश्विनी उपाध्याय के कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने अभद्र आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी।
जंतर-मंतर भड़काऊ नारेबाजी से जुड़े मामले बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय देर रात 3 बजे कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। पुलिस से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मामले में ‘हेट स्पीच’ से जुड़े आरोपों में अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक नाम के 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अश्विनी के मुताबिक उन्हें नहीं पता कि नारे लगाने वाले कौन लोग हैं और उन्होंने नारे क्यों लगाए। वह आरोपियों को नहीं पहचानते और ना ही उनके सामने कोई नारे लगाए गए हैं। अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि इस पूरे मामले में वह पूरी तरह से निर्दोष हैं। अश्वनी उपाध्याय बीजेपी नेता हैं और पेशे से एडवोकेट हैं। आरोप है कि इस दौरान अश्विनी उपाध्याय ने मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की।
सोशल मीडिया में एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसमें जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी हो रही है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में मामला दर्ज किया है। भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि अधिवक्ता और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इनकार किया है।
श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रदर्शन औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ हुआ था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उपाध्याय ने भी कहा था कि मैंने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है। अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं। मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था। जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे। अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिये झूठा प्रचार किया जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि उसकी इजाजत के बिना इस मार्च को आयोजित किया गया था। बताया जाता है कि यह मार्च, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से आयोजित किया गया थ।. वैसे उपाध्याय का कहना है कि उन्हें वीडियो के बारे में जानकारी नहीं है। केवल पांच या छह लोग ही नारे लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे नारे नहीं लगाए जाने चाहिए थे।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुस्लिमों को ‘राम-राम’ कहने को लेकर धमकी दी जा रहे है। दिल्ली के प्रमुख इलाके जंतर मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन में कुछ सदस्य नारे लगा रहे थे-हिंदुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा। यह स्थान देश की संसद और शीर्ष सरकारी दफ्तरों से कुछ ही किलोमीटर दूर है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था। नफरत भरे भाषणों के लिए ‘कुख्यात’ पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती की मौजूदगी में यह नारे लगाए गए। पुरातन समय से चले आ रहे कानूनों को हटाकर एक समान कानून बनाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।