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September 10, 2025

शर्मिष्ठा के काव्य संग्रह ‘एक हलफनामा’ का लोकार्पण, मानवीय संवेदनाओं का है हलफनामा

कवयित्री शर्मिष्ठा के काव्य संग्रह ‘एक हलफनामा’ का लोकार्पण शनिवार सायं देहरादून स्थित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में किया गया। लोकार्पण के पश्चात इस काव्य संग्रह पर गहन चर्चा भी की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड के सुपरिचित पत्रकार, शायर एवं रचनाकार लक्ष्मी प्रसाद बडोनी ‘दर्द गढ़वाली’ की ओर से की गई । (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दर्द गढ़वाली ने ‘एक हलफनामा’ पर अपने विचार और टिप्पणी प्रकट करते हुए कहा कि ‘एक हलफनामा’ अमृता प्रीतम को समर्पित तकरीबन 70 कविताओं का एक उत्कृष्ट संग्रह है जो कि पाँच भागों में विभाजित है। उन्होंने यह भी कहा कि कवयित्री शर्मिष्ठा की कविताएं जहां मानवीय संवेदनाओं को प्रकट करने में पूरी तरह सक्षम दिखती हैं। वहीं यह कविताएं प्रकृति के प्रति उनकी नजदीकी को भी झलकाने का प्रयास करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम में मौजूद चर्चाकारों मनोज बर्थवाल एवं दीपांजलि सिंह ने लेखिका शर्मिष्ठा से उनके काव्य संग्रह पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान कवयित्री के लेखन की प्रेरणा, प्रकृति, कश्मीर एवं देवभूमि उत्तराखंड पर केंद्रित उनके लेखन पर क्या प्रभाव प्रभाव पड़ने के अलावा लेखिका अमृता प्रीतम किस तरह उनकी प्रेरणा स्रोत बनी हैं यह सब पाठकों के समक्ष सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथि जनों व लोगों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन बीना रायक्वर ने किया। इस अवसर पर राज्य कर उपायुक्त विजय कुमार ‘द्रोणी’, सुंदर सिंह बिष्ट, केबी नैथानी, सोमेश्वर पांडे, कांता डंगवाल, गणनाथ मनोड़ी, चन्दन सिंह नेगी, प्रह्लाद सिंह, भारती पांडे, मदन सिंह, शादाब मशहीदी, हिमांशु सहित शहर के प्रबुद्धजन, कवि, लेखक उपस्थित रहे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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