चुनाव प्रचार में ग्वालियर पहुंचे सचिन पायलट, सिंधिया ने कहा आपका स्वागत है…
राजनीति और जंग में सभी जायज है। ऐसी कहावत है। कभी दो दोस्त दुश्मन नजर आते हैं, तो कभी एक ही परिवार के लोग आपस में लड़ते नजर आते हैं। हो सकता है ये बाहरी लड़ाई लोगों को दिखाने की हो। भीतर से अंदरखाने वे एकजुट हों। आजकल इस तरह का ट्रेंड बदलता जा रहा है। एक दल का नेता दूसरे दल के नेता से मिलने पर दुश्मन नहीं दोस्त की तरह ही व्यवहार करता है। फिर सोशल मीडिया में पोस्ट डाली जाती है। या फिर इसे अलग तरह से प्रचारित किया जाता है।
अब भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट को ही देख लें। दोनों कांग्रेस में परम मित्र भी माने जाते रहे। फिर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी, लेकिन दोनों के बीच भीतरी मनमुटाव शायद न हो। इसीलिए सिंधिया ने चुनाव प्रचार के लिए ग्वालियर पहुंचे सचिन का स्वागत कुछ इस अंदाज में किया।
भाजपा के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट से ग्वालियर में मुलाकात की और उपचुनाव में प्रचार के लिए मध्य प्रदेश आने पर उनका स्वागत है। पायलट कांग्रेस के प्रचार अभियान में शामिल होने के लिए ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार सुबह को ग्वालियर पहुंचे थे।
गत मार्च माह में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया ने पीटीआई भाषा से कहा-मैं उनसे ग्वालियर में मिला और उनका स्वागत किया। ग्वालियर राजघराने के वंशज सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में सबका स्वागत करने की परंपरा है। इसलिए उनका (पायलट) यहां स्वागत है।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के पक्ष में पायलट के प्रचार करने से उपचुनाव में क्या कोई फर्क पड़ेगा। सिंधिया ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को प्रचार करने का अधिकार है। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान होगा। मतों की गणना 10 नवंबर को होगी। राजस्थान में राजनीतिक संकट से पहले पायलट से मुलाकात के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि वह कांग्रेस के आंतरिक मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।