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December 13, 2024

पढ़िए छात्र आशीष उपाध्याय की व्यंग्यात्मक कविता- सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है

सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है।
तुम उसको गलत कहोगे हमनें जो बात कही है।1।

तुम्हारी इतनी हिम्मत तुम हमसे सवाल पूछोगे?
हमने कैसे किया?क्यों किया ये बवाल!पूछोगे?2?

हो तुम देशद्रोही जो तुम मेरी बात मानते नहीं हो।
सत्ता में हूँ, शासन में हूँ मुझे पहचानते नहीं हो।3।

मन्दिर,मस्ज़िद,जाति धर्म के नाम रोटी सेक रहे हैं।
रोज़गार लेने बाद में आना,
व्यस्त हैं अभी हम देश की सम्पदा बेच रहे हैं।4।

बलात्कार और हत्याओं के सौदे होने दो थाने में।
अभी थोड़ा और समय लगेगा राम राज्य आने में।5।

तब तक तुम मान लो राम राज्य यही है।
सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है।6।

हम सियासतदार करवाएं हत्यायें या मचाये तबाही।
कौन है जो बोले हिम्मत है किसकी जो देगा गवाही।7।

तुम्हारे लिए हमारे पास हैं योजनाएं बहुत खास।
जानवर तुम्हारी फसलों को खायें समझकर घास।8।

गौशालाओं के नाम पर होगी धन उगाही।
ये कुर्सी है बाप की हम करेंगे बादशाही।9।

बलात्कार पर भी जाति धर्म देख कर बोलेंगे।
हमारा मंत्री तो नहीं बलात्कारी पहले ये टटोलेंगे।10।

जो मन हम वो काम करेंगे,हमको रोकेगा कौन।
इस मीडिया को भी हम पैसों से तोलेंगे।11।

पैसे लेकर सब बोलेंगे वही हमने जो बात कही है।
सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है।12।

सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है।

कवि का परिचय
नाम-ब्राह्मण आशीष उपाध्याय (विद्रोही)
पता-प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश
परिचय-पेशे से छात्र और व्यवसायी युवा हिन्दी लेखक ब्राह्मण आशीष उपाध्याय #vद्रोही उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के एक छोटे से गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निक (नैनी प्रयागराज) और बीटेक ( बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से मेकैनिकल ) तक की शिक्षा प्राप्त की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि के छात्र हैं। आशीष को कॉलेज के दिनों से ही लिखने में रूची है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “पढ़िए छात्र आशीष उपाध्याय की व्यंग्यात्मक कविता- सूरज को कहूँ चन्दा तो ये ही बात सही है

  1. ब्राह्मण आशीष उपाध्याय भईया बहुत शानदार कविता लिखी है आपने???. Waiting for more like this one…?

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