सिंधु बार्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में किसानो को लेकर जताया दुख, देखिए सुसाइड नोट
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान एक बुरी खबर आई है। सिंधु बार्डर पर किसान आंदोलन के मंच के पीचे करनाल के सिंगड़ा गुरूद्वारे के संत बारा राम सिंह (65 वर्ष) ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि मंच के पीछे अपनी गाड़ी में बैठकर उन्होंने पिस्तौल से खुद को गोली मारी। किसान उन्हें पानीपत अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उनसे एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस जांच में जुट गई। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने इसकी पुष्टि की है। उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत अस्पताल में रखा गया है। वह पिछले कुछ समय से दिल्ली आ जा रहे थे। साथ ही किसान आंदोलन में शामिल हो रहे थे।
बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुइसाइड नोट भी सामने आया है। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है। संत बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे। संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा कि किसानों का दुख देखा। वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है।
उन्होंने लिखा कि- सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किए। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और कीर्ति-किसानों के हक में आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।