सहजयोग के साधकों ने उठाया सहज संगीत का आनंद, किया आत्म साक्षात्कार
सहजयोग केंद्र देहरादून की ओर से आयोजित दो दिवसीय संगीत कार्यक्रम में सहजयोगियों ने आत्म साक्षात्कार का आनंद उठाया। देहरादून के सर्वेच चौक के निकट आइआरडीटी सभागार में विश्व भर से आए सहज योग से लाभान्वित लगभग 21 देशों के संगीतज्ञों व कलाकारों ने सहज संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में आमंत्रित सत्य के साधक ने संगीत व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। साथ ही सहज योग की जानकारी एवं सूक्ष्म अनुभव प्राप्त किया। सभागार में 150 से अधिक नए साधकों ने प्रतिभाग किया। साथ ही दिव्य आत्मसाक्षात्कार का अनुभव प्राप्त किया। आज दूसरे दिन 30 जनवरी को सुबह 11 बजे से डीआईटी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम शुरू हुआ। वहीं, शाम को सहज धाम पंडितवाड़ी में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में प्रवेश पूरी तरह निशुल्क है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह वर्ष, सहजयोग की प्रणेता पज्य माता जी निर्मला देवी के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अत्यंत भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। इसके तहत सहज संगीत के कार्यक्रम 13 राज्यों के 33 शहरों में आयोजित किए जा रहे हैं। देहरादून में कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहजयोगी डॉ एमएन झा एवं हेमा चुफाल ने किया। इस अवसर पर सहजयोग के देहरादून केंद्र समन्वयक एमएस तोमर ने बताया कि परम पूज्य माता निर्मला देवी द्वारा रचित ‘सहज योग’ समस्त विश्व में विगत 52 वर्षों से मनुष्य को सुख, शांति व समाधान में स्थापित करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सहजयोग में बिना किसी विशेष प्रयास के कुंडलिनी जागरण के माध्यम से सहज ध्यान कर इसे प्राप्त किया जा सकता है। सहजयोग केंद्र विश्व के 140 से अधिक देशों में स्थापित हैं और सभी जाति धर्म संप्रदाय व विचारधारा के लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल को मुख्य अथिति एवं मेयर नगर निगम देहरादून सुनील उनियाल (गामा) को बतौर विशिष्ठ अतिथि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपने संक्षिप्त संबोधन में मुख्य अतिथि कुसुम कंडवाल ने योग को आज के दौर में समस्त समाज की आवश्यकता बताई एवं इस दिशा में सहजयोग के योगदान की सराहना की। देहरादून के मेयर सुनील उनियाल ने माता निर्मला देवी जी के आध्यात्मिक व दिव्य व्यक्तित्व को नमन करते हुए कहा कि उनके संदेश को जन जन तक पहुंचने चाहिए। ताकि भारतीय संस्कृति की जानकारी समस्त विश्व तक पहुंचेष और मानव के अंदर शांति एवं सद्भाव स्थापित हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सहजयोग से लाभान्वित पुरुष महिलायें युवा एवं बाल शक्ति के सदस्य उपस्थित थे। काफी साधक स्वेच्छा से कार्यक्रम मे शामिल हुए एवं उन्होंने सहजयोग की जानकारी एवं अनुभव प्राप्त किये। स्टेट कॉर्डिनेटर सतीश सिंघल ने कहा कि कार्यक्रम में प्रवेश पूरी तरह निशुल्क है और कोई भी साधक संगीत का आनंद ले सकता है। कुण्डलिनी जागरण के माध्यम से आत्म बोध की कला का अध्ययन सीख सकता है। इस मौके पर सहजयोग से जुड़े सदस्यों में डॉ आरके मज़ारी, पी एस पाल, राकेश शर्मा, ए पी सिंह, अरविन्द मलिक, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, डॉ रोमिल भटकोटी, अशोक सोनी, चमन कुकरेजा, ग्रुप कैप्टन सी एस मिश्रा, वी के अरोरा एवं संजय शांडिल्य, हेमा आदि उपस्थित थे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।