यूक्रेन की राजधानी कीव में बरसीं रूसी मिसाइलें, यूक्रेन का 800 दुश्मन मारने का दावा, 13 विमान व चापर भी ढेर
रूस के पश्चिम के पड़ोसी देश यूक्रेन रूस की ओर जंग का सामना कर रहा है। शुक्रवार तड़के सुबह राजधानी कीव में धमाके की दो आवाजें सुनी गईं। खबर है कि रूसी सेना करीब पहुंच गई है।
इसके अलावा उन्होंने इस युद्ध में किसी का साथ न मिलने की बात भी कही। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दुनियाभर के देशों का संदर्भ देते हुए कहा कि उनके देश को रूस से लड़ने के लिए छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ लड़ने के लिए कौन खड़ा है? मुझे कोई नहीं दिख रहा है। यूक्रेन को नाटो सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है। उधर, अमेरिका ने रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन को घातक हथियार तैनात करने के लिए 600 मिलियन डॉलर की मदद देने की बात कही है।
यूक्रेन ने किया ये दावा
यूक्रेन के डिफेंस मंत्रालय ने शुक्रवार की सुबह डिप्टी मिनिस्टर हाना माल्यार के हवाले से रूस के 800 सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है। एक ऑफिशियल ट्वीट के जरिए मंत्रालय ने बताया है कि यूक्रेन ने रूस के 7 एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर्स 30 से ज्यादा टैंक, 130 यूनिट से ज्यादा बीबीएम को नष्ट कर दिया है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में शुक्रवार तड़के सुबह तेज धमाके की दो आवाजें सुनी गईं। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रूसी सेना राजधानी के करीब पहुंच रही है। यूक्रेन की आर्मी ने अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज पर बताया कि रूस ने कीव में सिविलयन एरिया में फायर किया, लेकिन यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने दो घातक मिसाइल को रास्ते में ही रोक दिया।
रूस का दावाः पहला दिन रहा सफल
रूस ने कहा है कि उसका युद्ध का पहला दिन सफल रहा है। रूस ने पहले दिन 203 हमले किए और यूक्रेन के 83 टारगेट को नष्ट कर दिया। रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में बताया गया कि उसकी सेना ने यूक्रेन में 11 एयर फील्डस समेत 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया है। रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा, “रूसी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों के कारण यूक्रेन के 74 सैन्य सुविधाएं नष्ट हो गईं।” ध्वस्त किए गए सैन्य ठिकानों में 11 हवाई क्षेत्र भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का एक सैन्य हेलीकॉप्टर और चार ड्रोन भी मार गिराए गए हैं।
पश्चिम देश बौखलाए, लगाए कड़े प्रतिबंध
यूक्रेन पर हमले से पश्चिम बौखला गया है और रूस के खिलाफ कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपनी स्पीच में कुछ और प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि चार और अन्य बड़े बैंक जिनमें Sberbank & VTB जैसे बड़े बैंक शामिल हैं, वो प्रतिबंधों से प्रभावित होंगे। वहीं, निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध रूस के के हाई-टेक आयात में लगभग आधी कटौती कर देंगे। इसके अलावा, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का समर्थन करने पर अमेरिका ने बेलारूस के बैंकों, रक्षा उद्योग एवं सुरक्षा अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
यदि अमेरिका पर साइबर हमला हुआ तो हम जवाब को तैयार
बाइडेन ने एक बयान में कहा कि पुतिन एक आक्रमणकारी हैं। पुतिन ने युद्ध चुना।’ उन्होंने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, लेकिन रूसी बलों के खिलाफ युद्ध के लिए यूक्रेन में अमेरिकी बलों को भेजने से साफ इनकार कर दिया। बाइडेन ने कहा कि यदि रूस अमेरिका पर साइबर हमला करता है, तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और बलों को भेजने की घोषणा भी की।
ब्रिटेन का भी सख्त रुख
उधर रूस पर नए प्रतिबंधों की रूपरेखा तैयार करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को घोषणा की कि वह देश में एयरोफ्लोट विमानन कंपनी को प्रतिबंधित करेंगे। जॉनसन ने कहा कि ये व्यापार प्रतिबंध आने वाले वर्षों के लिए रूस की सैन्य, औद्योगिक और तकनीकी क्षमताओं को बाधित कर देंगे।
फ्रांस ने चेताया
दुनिया भर के देशों ने इस युद्ध से परमाणु खतरे को लेकर डर जताया है। फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले ड्रियन ने गुरुवार को कहा कि पुतिन जब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे हैं तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि नाटो भी एक परमाणु गठबंधन है।
अमेरिका ने मदद के संकल्प को दोहराया
अमेरिका का कहना है कि वो पूरी तरह से यूक्रेन का साथ दे रहा है और यूक्रेन की मदद करना चाहता है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के अनुसार सांसद यूक्रेन को इस लड़ाई के लिए 600 मिलियन डॉलर के घातक रक्षा हथियार देना चाहते हैं।
भारत का रुख
रूसी हमले के कुछ घंटे बाद भारत ने प्रमुख पक्षों के बीच बातचीत की जरूरत को रेखांकित किया और कहा कि इस वार्ता को संभव बनाने में मदद करके उसे खुशी होगी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा कि भारत अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ समेत सभी संबंधित पक्षों के निकट संपर्क में है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। एमओ के अनुसार, इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया। मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।