तेज हुआ रूस और यूक्रेन युद्ध, पोलैंड का अपने सारे मिग 29 यूक्रेन को देने का एलान, यूक्रेन ने नाटो से की तोबा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 14वां दिन है। ये जंग अब खतरनाक दौर में पहुंच गई। अमेरिका ने जहां रूस से तेल और गैस आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

बुधवार को भी सीजफायर
इसबीच, रूस ने बुधवार को सुमी, खार्किव, मारियोपोल, चेर्नीहीव, जापोरिजा शहरों में सीज़फायर की घोषणा की है। ताकि युद्ध में फंसे नागरिकों को वहां से निकाला जा सके। उधर, अमेरिका ने कहा है कि रूस और बेलारूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों की अवहेलना करने वाली चीनी कंपनियों पर तालाबंदी की कार्रवाई की जा सकती है। अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
कमला हैरिस पोलैंड और रोमानिया के दौरे पर
इन सबके बीच, अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस आज यूक्रेन के पड़ोसी देशों पोलैंड और रोमानिया के दौरे पर जा रही हैं। व्हाइट हाउस द्वारा शुक्रवार की घोषणा के अनुसार, हैरिस की यात्रा 11 मार्च तक चलेगी और इसमें वारसॉ और बुखारेस्ट में उनके स्टॉप भी शामिल होंगे। वह रूसी आक्रमण के मद्देनजर दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगी और इस बात पर चर्चा करेंगी कि कैसे अमेरिका यूक्रेन के पड़ोसी देशों का समर्थन कर सकता है। जो बाइडेन प्रशासन यूक्रेन और नाटो के सहयोगियों का समर्थन करता रहा है। बता दें कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था। तब से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया सहित दर्जनों देशों ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं।
तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक, यूक्रेन ने की नाटो से तौबा
यूक्रेन और रूस में जंग के बीच तीसरे दौर की वार्ता में कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं। रूस के रुख से सहमति जताते हुए यूक्रेन ने कहा है कि अब वो नाटो सदस्यता पर जोर नहीं दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अब वो नाटो की सदस्यता पर जोर नहीं दे रहे हैं। एक अन्य मसले पर मॉस्को के रुख से परोक्ष सहमति जताते हुए जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन से अलग दो रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति को लेकर भी समझौते को लेकर खुला रुख रखते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमले के पहले इन्हें स्वतंत्र देश घोषित कर चुके हैं।
जेलेंस्की ने एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं इस सवाल के बारे में बहुत पहले ही शांत हो गया था जब हम समझ गए थे कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जेलेंस्की ने कहा कि नाटो गठबंधन विवादित चीजों से भयभीत है और रूस से टकराव से भी। नाटो सदस्यता पर जेलेंस्की ने कहा कि वह किसी ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांगे।
जब जेलेंस्की से रूस की डिमांड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने कहा कि मैं सुरक्षा गारंटी के बारे में बात कर रहा हूं। राष्ट्रपति पुतिन के लिए जरूरी है कि उन्हें बातचीत शुरू करनी चाहिए।
नाटो को खतरे की तरह देखता है रूस
नाटो गठबंधन की स्थापना शीत युद्ध की शुरुआत में यूरोप को सोवियत संघ से बचाने के लिए की गई थी। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसको रूस लगातार पश्चिमी समर्थक यूक्रेन पर हमले की एक बड़ी वजह बताता जा रहा है। रूस नाटो के विस्तार को अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है। उसकी चिंता है कि नए पश्चिमी सदस्यों की वजह से नाटो की सेना उसके बॉर्डर के काफी करीब पहुंच जाएगी। यही वजह है कि वह यूक्रेन के नाटो गठबंधन में शामिल होने का लगातार विरोध करता रहा है।
रूस दो क्षेत्र को दे चुका है स्वतंत्र मान्यता
यूक्रेन पर हमले का आदेश देने से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को “रिपब्लिक (स्वतंत्र क्षेत्र)” की मान्यता दी। पुतिन अब चाहते हैं कि यूक्रेन भी इन क्षेत्रों को संप्रभु और स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।