कुंभ में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग घोटाला, अब गिरफ्तारी के खिलाफ चंदानी लैब भी पहुंची हाईकोर्ट

कुंभ में कोरोना जांच में फर्जीवाड़े के मामले में आरोपित मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज कंपनी के बाद अब लाल चंदानी लैब ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। याचिका पर सुनवाई बुधवार को हो सकती है। लैब की ओर से दायर याचिका में एफआईआर निरस्त करने तथा अदालत के आदेश पर जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही गई है। साथ ही गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने की मांग की है।
सोमवार को चंदानी लैब निदेशक मंडल की ओर से दायर याचिका में कहा है कि लैब आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त है। मैक्स की ओर से लैब को जो काम दिया गया, उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा किया गया। इसमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है। लैब के अनुसार उसका अनुबंध मैक्स से है ना कि सरकार से। उनकी ओर से जो भी आरटीपीसीआर जांच की गई, उनके पास पूरा रिकॉर्ड है। कंपनी ने साफ कहा है, उनके पास कोविड टेस्ट के सारे रिकॉर्ड हैं, लिहाजा प्राथमिकी को निरस्त किया जाय।
उल्लेखनीय है पिछले सप्ताह मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा नगर कोतवाली के मैक्स व लाल चंदानी कंपनी व नलवा लेब्रोट्रीज के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के साथ 420,467,468,128 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही एसआइटी का भी गठन कर दिया है। इससे पहले मैक्स की ओर से भी हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिका दाखिल की जा चुकी है।
मामले की एसआइटी कर रही जांच
कुंभ के दौरान कोरोना जांच घोटाले की जांच एसआइटी कर रही है। इसके अलावा सीडीओं के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम अलग से जांच कर रही है। दो दिन पहले ही कोरोना जांच कंपनी मैसर्स मैक्स कारपोरेट सर्विसेज नई दिल्ली व नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा व डा. लाल चंदानी लैब नई दिल्ली पर नामजद मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मामले में सीएमओ डा. शंभू कुमार झा व मेलाधिकारी डा. अर्जुन सिंह सेंगर के बयान भी दर्ज कर चुकी है। साथ ही टेंटिंग कंपनी अधिकारियों को हरिद्वार तलब भी किया गया है।
ये है फर्जीवाड़ा
उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। जांच में कम से कम एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी पाए गए। एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने इतनी बड़ी जांच में कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं। हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की ओर से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं।
बता दें कि हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग 4 लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे। फरीदकोट पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने आइसीएमआर से कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इस व्यक्ति के मोबाइल पर कोरोना जांच का संदेश पहुंचा था, जबकि उसकी कभी कोरोना जांच हुई ही नहीं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई। कोविड-19 मामलों के चीफ कंट्रोलिंग आफिसर डा. अभिषेक त्रिपाठी के स्तर से की गई इस जांच में प्रथमदृष्टया शिकायत सही पाई गई। यही नहीं, उन्होंने एक लाख से अधिक कोरोना जांच में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। डा. त्रिपाठी ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मामले को गंभीर बताते हुए इसकी विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को कुंभ मेला अवधि, इससे पहले और इसके बाद हुई कोरोना जांच की विस्तृत छानबीन के निर्देश दिए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
यह फर्जीवाड़ा बीजेपी को ले डूबेगा