उत्तराखंड में वैज्ञानिकों की संस्था स्पैक्स (SPECS) के खाते से उड़ाए 18.75 लाख रुपये, बैंक की भूमिका संदिग्ध
उत्तराखंड में वैज्ञानिकों की संस्था (SPECS) के खाते से धोखाधड़ी कर 18.75 लाख रुपये निकालने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि बैंक की चेकबुक का क्लोन तैयार कर उससे संस्था के खाते में जमा पूरी राशि निकाल ली गई है।

शिकायती पत्र में उन्होंने कहा कि हमारी संस्था SPECS (स्पैक्स) खाता संख्या- 309001408325 से धोखाधड़ी से 18.75 लाख रुपये किसी ने निकाल लिए हैं। उन्होंने बताया कि यह कि हमारी संस्था SPECS (स्पेक्स) का सर्विस एकाउंट बचत खाता बैंक ऑफ बड़ौदा, 176 पटेलनगर, सहारनपुर रोड़, देहरादून में है।
दिनांक 27 मई .2022 को जब स्पेक्स कर्मी बैंक में चेक से कैश (धनराशि) निकालने पहुंचा तो बैंक कर्मी ने कहा कि संस्था के खाते में धनराशि उपलब्ध नहीं है, तब स्पैक्स को इस घोटाले का पता चला। उन्होंने बताया कि 30 मई 2022 को बैंक ने अवगत करवाया कि संस्था के चेक सं0 000096 के जरिये आरटीजीएस किया गया है। इसकी राशि 18.75 लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि इसके उपरान्त स्पैक्स ने शाखा प्रबन्धक को पत्र दिया। इसमें कहा गया कि यह आरटीजीएस स्पैक्स संस्था की ओर से नहीं किया गया है। साथ ही चेक संख्या 000096 संस्था के पास ही उपलब्ध है। इसके बाद जिस चैक की फोटो बैंक की ओर से उपलब्ध करवाई गई वह चेक प्रथम दृष्टया ही नकली लगता है।
चेक पर उठाए सवाल
-चैक में स्पैक्स संस्था का नाम वास्तविक चैक से बिल्कुल भिन्न है। बैंक की ओर से जारी की गई चैक बुक में स्पैक्स संस्था का पूरा नाम कभी भी छपा नहीं होता है। नकली चैक में संस्था के नाम के आगे फॉर नहीं छपा है। उसमें हस्ताक्षर संस्था के छपे हुए नाम के ऊपर किये गये हैं, जबकि मूल चेक में हस्ताक्षर संस्था के नाम के नीचे किये जाते हैं।
-स्पैक्स के चेक में कभी भी फॉर अराध्य नाम की मोहर नहीं लगाई जाती है, जबकि नकली चेक में स्पष्ट रूप से फॉर अराध्य की मोहर लगाई गई है।
-नकली चेक में नकली हस्ताक्षर अंकित है।
– चैक का रंग वास्तविक चेक से बिल्कुल भिन्न है।
बैंक अधिकारियों पर भी उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि इस मामले में बैंक अधिकारियों का रवैया भी सहयोगात्मक नहीं दिख रहा है। 31 मई 2022 को स्पैक्स संस्था के पदाधिकारी बैंक क्षेत्रीय प्रबन्धक अनूप शर्मा से मिलने गये तथा उन्हें अपने साथ हुई इस धोखाधडी से अवगत करवाया। यद्यपि यह प्रकरण उन्हें ज्ञात था, लेकिन उनका रवैया उदासीनता से भरा हुआ था। उन्होंने हमारे बार-बार आग्रह करने पर यह आवश्वासन दिया कि दिनांक 31 मई 2022 को सायं तक आपको बैंक यथास्थिति से अवगत करवायेगा। इसके बावजूद उनकी तरफ से कोई पत्र स्पेक्स संस्था को प्राप्त नहीं हुआ है।
डॉ. बृजमोहन शर्मा के मुताबिक, बैंक के शाखा प्रबन्धक तथा क्षेत्रीय प्रबन्धक के व्यवहार से यह प्रतीत होता है कि उन्होंने ही संस्था के खाता नं0 30900100008325 से 18.75 लाख रूपये या तो निकाल लिये हैं या निकलवा दिये हैं। यह कि उक्त धनराशि उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद देहरादून एवं नेशनल मिशन ऑफ हिमालयन स्टडीज भारत सरकार की ओर से संस्था को ई-वेस्ट को रोजगार परक बनाने के लिए प्रदान की गई है। इसमें क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन एवं क्षेत्र की गतिविधियों प्रभावित हो रही हैं।
पांच जून को की गई इस शिकायत में यह भी कहा गया है कि शाखा प्रबन्धक एके बाजपेई एवं क्षेत्रीय प्रबन्धक अनूप शर्मा द्वारा धोखाधड़ी एवं आपराधिक षडयंत्र रचकर स्पैक्स संस्था के भारत सरकार के समाज हित में किये जाने वाले कार्य की धनराशि को अपने स्वयं व अपने सहयोगियों से मिलकर कूटरचित व फर्जी चैक लगाकर सरकारी धनराशि का गबन किया गया है। इसका उनको कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।