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December 16, 2024

ऋषिकेश में सुनार की दुकान से चोरी करने वाला दबोचा, चांदी के आभूषण बरामद

ऋषिकेश में सुनार की दुकान में शटर तोड़कर हुई चोरी का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक शातिर को गिरफ्तार करते हुए उससे चांदी के आभूषण बरामद किए।
पुलिस के मुताबिक 23 अक्टूबर की रात चोरों ने रस्तोगी ज्वैलर्स की दुकान का शटर तोड़कर चांदी के आभूषण चोरी कर लिए थे। इसकी सूचना दुकान स्वामी सुमित रस्तोगी निवासी खदरी रोड श्यामपुर ने ऋषिकेश कोतवाली में दी थी। इस मामले में दुकान व सड़क के करीब 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। फुटेज देने पर दो व्यक्ति दुकान के अंदर और एक आसपास रेलवे ट्रैक पर घूमता दिखा।
पुलिस के मुताबिक फुटेज को कुछ लोगों को दिखाया तो बताया गया कि संदिग्ध युवक कबाड़ बीनते हैं। जो पिछले कई दिनों से दिखाई नहीं दे रहे हैं। इनका एक साथी भोला है। जो यहीं रेलवे स्टेशन के निकट बनी झुग्गियों में रहता है। कल रात सूचना मिली कि भोला चोरी के जेवर बेचने गुमानीवाला बाजार की तरफ घूम रहा है। उसे मौके से ज्वैलरी के साथ गिरफ्तार कर लिया।
दो आरोपितों की है तलाश
पुलिस के मुताबिक चोरी के अन्य दो आरोपियों में रवि पुत्र दुल्ला निवासी प्रेमनगर मुल्लनपुर, थाना ढाका, जिला लुधियाना पंजाब हाल निवासी झुग्गी झोपड़ी पुराने रेलवे स्टेशन के पास और कुचिया उर्फ साजन पुत्र राजू निवासी प्रेमनगर मुल्लनपुर, थाना ढाका, जिला लुधियाना पंजाब हाल निवासी झुग्गी झोपड़ी पुराने रेलवे स्टेशन के पास ऋषिकेश की तलाश की जा रही है।
बरामद माल
चांदी की पायल – पांच जोड़ी व 17 पायल अलग अलग।
चांदी के बच्चे के हाथ के कंगन – एक जोड़ी।
चांदी का मंगलसूत्र – एक।
आरोपी ने स्वीकार किया जुर्म
पुलिस की गिरफ्त में आए भोला ने पूछताछ में जुर्म स्वीकार किया। बताया कि वे बावरिये जाति के हैं। मूल रूप से लुधियाना पंजाब के रहने वाले हैं। रेलवे स्टेशन के आस अस्थाई तौर पर झुग्गी बनाकर रहते हैं और कबाड़ चुगने का कार्य करते हैं। लॉकडाउन के दौरान से वे ऋषिकेश में रह रहे थे। बीच बीच में कबाड़ चुगने के लिये स्योहारा बिजनौर, मुरादाबाद तक चले जाते हैं। तथा कुछ दिन वंही पर रहकर वापस ऋषिकेश आ जाते हैं।
उसने बताया कि उसके परिवार के लोगों में पिता, मां, पत्नी, बच्चे, मेरा भाई रवि व जीजा कुचिया उर्फ साजन रहते थे। कुचिया उर्फ साजन व भाई रवि एक साथ कबाड़ बीनने जाते थे। शाम के समय तीनों मिलकर शराब भी पीते थे। एक बार दोनो ने बताया कि हमने श्यामपुर में एक सुनार की दुकान देखी है, जिसमें आराम से चोरी की जा सकती है।
इस पर तीनो से सुनार की दुकान में चोरी करने की योजना बनायी। योजना के मुताबिक 23 अक्टूबर को कुचिया उर्फ साजन व रवि दिन के समय सुनार की दुकान की तरफ श्यामपुर चले गए। वह खुद शाम के समय श्यामपुर पंहुचा। रात होने पर यह दोनो दुकान में चले गये व भोला सड़क व रेलवे ट्रैक पर पुलिस व आने जाने वालों पर नजर रखने लगा। काफी देर बाद यह दोनो चोरी कर वापस आये और भोला को एक डिब्बे में रखी कुछ चांदी की ज्वैलरी देकर कहा कि बाकी ज्वैलरी को हम लोग ऋषिकेश से बाहर जाकर बेचेगें। जिसका बंटवारा बाद में करेगें। इसके बाद तीनो रेलवे ट्रैक होकर वापस अपनी झुग्गी में आ गए। अगले दिन कुचिया उर्फ साजन व रवि यहां से चले गए। वे कहां गए इसकी जानकारी भोला नहीं दे पाया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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