ऋषि सुनक ने तोड़ा नियम, पुलिस ने दिलाया याद, क्या भारत में हो सकता है ऐसा, केदारनाथ धाम में पीएम ने कई बार तोड़े नियम
एक ताजा खबर ये है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पार्क में पालतू कुत्ते के साथ घूमते समय नियम तोड़े। इस पर पुलिस ने उन्हें नियमों की याद दिलाई और इसके बाद उन्होंने भी नियमों का पालन किया। अब भारत में नियमों की बात करें तो हम आपको उत्तराखंड का उदाहरण देंगे। जहां चारों धामों में गर्भ गृह के दर्शन के दौरान तस्वीर लेना प्रतिबंधित है। यदि आप आम नागरिक हो तो ऐसा करते ही आपके पीछे तीर्थ पुरोहित पड़ जाएंगे। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदीजी तो कई बार इस तरह के नियम तोड़ते नजर आते हैं। है किसी तीर्थ पुरोहित की मजाल कि उन्हें नियम बताकर उसका पालन करवा ले। अब हम आपको ब्रिटेन की खबर की तरफ ले चलते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक बार फिर अपने पालतू कुत्ते की वजह से पुलिस की मुसीबत में फंस गए हैं। ऋषि सुनक और उनके परिवार को सेंट्रल लंदन के हाइड पार्क में बिना लिश के अपने कुत्ते को घूमाते देखा गया। इस पार्क में साफ संकेत हैं कि वन्यजीवों को टहलाने के लिए उन्हें चेन से बांधना जरूरी है। इससे पहले सुनक पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने और बिना सीट बेल्ट के कार ड्राइव करने को लेकर जुर्माना लगाया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
“Who Let the Dog Out?” @RishiSunak pic.twitter.com/TDUEg14V82
— Guido Fawkes (@GuidoFawkes) March 14, 2023
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई क्लिप में ऋषि सुनक के पालतू कुत्ते नोवा को बिना लिश के टहलते देखा जा सकता है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस को देखकर नोवा भौंकने भी लगता है। पुलिस ने एक बयान में ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि उस समय मौजूद एक अधिकारी ने बात की और नियमों की याद दिलाई। इसके बाद कुत्ते को लिश से बांधा गया। इस मामले में ऋषि सुनक के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम सहित चारों धामों में गर्भ गृह के दर्शन के दौरान तस्वीरें लेना मना है। इसके बावजूद जब भी पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम के दर्शन करते हैं तो उसनके साथ गर्भ गृह तक कैमरे भी पहुंचते हैं। इसका लाइव प्रसारण दिखाया जाता है। हालांकि, दबी आवाज में कुछ तीर्थ पुरोहित इसका विरोध करते हुए भी दिखे, लेकिन मौके पर मौजूद रहने वाले किसी भी तीर्थ पुरोहित ने पीएम नरेंद्र मोदी को ये बताने का प्रयास नहीं किया कि वे मंदिर के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि जो भी श्रद्धालु केदारनाथ आता है, वह भगवान शिव के स्वयंभू लिंग के गुप्त दर्शन करता है। हालांकि, इस मामले में विपक्ष भी सवाल उठाता रहा, लेकिन उनके सवाल हर बार दब कर रह गए। ऐसे मामलों से जनता को भी कोई लेना देना तक नहीं है। उसे भी पता है कि नियम सिर्फ उसी के लिए है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोरोना की लहर के दौरान भी टूटे नियम
वहीं, पीएम मोदी ने को हर बार दर्शन के दौरान लाइव प्रसारण के साथ देखा गया है। इसी तरह भारत में कई उदाहरण मिल जाएंगे, जहां वीवीआइपी नियम तोड़ते नजर आ जाएंगे, लेकिन उन्हें कोई टोकने की हिम्मत तक नहीं कर सकता है। यही नहीं, सुनक पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने और बिना सीट बेल्ट के कार ड्राइव करने को लेकर जुर्माना लगाया जा चुका है। अब याद करो कि कोरोना की पहली और दूसरे लहर के दौरान भारत में मास्क और शारीरिक दूरी को लेकर आमजन के हर दिन चालान काटे जाते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उस दौरान पीएम मोदी से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की फोटो हर दिन बगैर मास्क भीड़ के साथ नजर आ जाती थी। यहां भी किसी की हिम्मत तक नहीं हुई कि सत्ताधारियों को नियम का पाठ पठाएं। ऐसा नहीं है कि विपक्ष नियमों का पालन करता है। कोरोनाकाल में विपक्ष के नेता भी बगैर मास्क के ही नजर आते रहे। हालांकि, कई बार पुलिस उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज भी करती रही।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।