सेवानिवृत्त शिक्षक कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता-वन्दना मां सरस्वती
वन्दना मां सरस्वती
मां वीणापाणि सरस्वती
भावों में ऊंची उड़ान दो,
लेखनी में शक्ति दो
विचारों में पवित्रता दो,
वाणी में मधुरता दो
सुरभित हो ये सारा जहाँ,
विचलित मन को स्थिरता दो
दूर करो मेरी सब दुविधा।
ममतामयी हे मां सरस्वती
ज्ञान अमृत पिला दो मां,
हम चले नेह की राह पर
इस दुर्बल काया में शक्ति दो,
बहके न मेरे कभी कदम
विचलित न हो कभी मन,
मां हमको तुम तार देना
मां सरस्वती हमको ऐसी देना।
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
जय माँ शारदे