सेवानिवृत्त शिक्षक कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता- सेवा करने से ईश्वर प्रसन्न होता है
सेवा करने से ईश्वर प्रसन्न होता है
सेवा करने से जीवन सफल होता है,
सेवा करने से कर्तव्यनिष्ठा बढ़ती है,
सेवा करने से मन प्रफुल्लित होता है,
सेवा करने से खुशियां मिलती है,
सेवा के लिये ही यह जीवन मिला है,
सेवा करने से भक्ति जागती है,
सेवा करने से जीवन मंगलमय होता है,
सेवा करने से ईश्वर प्रसन्न होता है,
सेवा करने से ऊर्जा मिलती है,
सेवा करने वाले समाज सुधारक होते,
सेवा करने से गुरु प्रसन्न होते है,
सेवा करने पर खुशी मिलती है,
सेवा करने से मन पवित्र होता है,
सेवा करने से विश्वास जागता है,
सेवा करने से मन स्थिर होता है,
सेवा करने वाले भाग्यशाली होते है,
सेवा करने से नम्रता आती है,
सेवा करने से आशीर्वाद मिलता है,
सेवा करने से दुखों का हरण होता है,
सेवा करने वाले प्रेरक होते है,
सेवा करने से शुभकामनाएं मिलती,
सेवा करने वाले पूजनीय होते है,
सेवा करने से अंहकार मिटता है,
सेवा करने से बुद्धि शुद्धि होती है,
सेवा करने वाला पूजनीय होता है,
सेवा करने वाले से सब प्यार करते है,
सभी को सेवा धर्म अपनाना चाहिए।
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत सुन्दर