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February 7, 2025

पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू जारी, सीएम ने किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा, मृतकों के परिजनों को सौंपे मदद के चेक

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला में जुम्मा गांव में बादल फटने से मची तबाही के बाद से रेस्क्यू अभियान जारी है। आपदा में गांव के सिरोउड्यार और जामुनी तोक में तीन मकान ध्वस्त हो गए थे।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला में जुम्मा गांव में बादल फटने से मची तबाही के बाद से रेस्क्यू अभियान जारी है। आपदा में गांव के सिरोउड्यार और जामुनी तोक में तीन मकान ध्वस्त हो गए थे। इन घरों में रह रहे पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन सगी बहने हैं। आपदा के बाद से दो लोग लापता हैं और चार घायल हैं। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जुम्मा गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। वह आपदा पीड़ितों से मिले और उनकी समस्याएं सुनी। बाद में धारचूला आकर पर्यटक आवास गृह में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे।
रविवार मध्य रात के बाद धारचूला के साथ-साथ काली नदी पार नेपाल के श्रीबगड़ में भी बादल फट गया। वहां भी पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं नजयांग नाले का मलबा काली नदी में गिरा तो नदी का प्रवाह भी थम गया और झील बन गई। इससे नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (एनएचपीसी) की 280 मेगावाट क्षमता वाली धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक भवन सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के आवासों में दो मंजिले तक पानी भर गया। सभी ने तीसरी मंजिल पर जाकर जान बचाई। रात भर सभी खौफ के साये में रहे।

इधर, सुबह झील से रिसाव शुरू हुआ तो आगे धारचूला में काली नदी का जलस्तर अंतरराष्ट्रीय झूला पुल के पास तक पहुंच गया। इससे नदी किनारे बस्तियों को खतरा पैदा हो गया। भारी बारिश के कारण कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग धारचूला से एलागाड़ के मध्य कई स्थानों पर बह गया है। जुम्मा गांव में आपदा से घायल हुए चार लोगों को धारचूला सीएचसी में भर्ती किया गया है।
मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ जनपद के सीमांत तहसील धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्र ग्राम जुम्मा पंहुचकर विगत दिनों क्षेत्र में हुई भारी वर्षा से हुई क्षति का जायजा लिया। वह आपदा प्रभावितों से मिले व उनका हाल जाना। इस दौरान उन्होंने जुम्मा के जामुनी तोक में आपदा से लापता व्यक्तियों की खोजबीन के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू कार्य का भी जायजा लिया गया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा भी लिया गया।

उन्होंने जुम्मा के एलागाड़ स्थित एसएसबी कैम्प में जुम्मा के जामुनी एवं सिरौउयार तोक के आपदा प्रभावितों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दुःख व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दुःख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है। इस दौरान प्रभावित परिवारों को प्रति मृतक 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रति मृतक मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से भी परिवार को सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने आपदा पीड़ितों को आस्वस्त कराया कि सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री पर्यटक आवास गृह धारचूला पंहुचकर स्थानीय लोगों से मिले और उनकी समस्याएं भी सुनी। इससे पूर्व जुम्मा में आपदा की घटना में मृतक व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके उपरांत उन्होंने धारचूला नगर के नो गांव(तरकोट), मल्ली बाजार के आपदा पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर सम्भव मदद करने की बात करते हुए जिलाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का भू गर्भीय परीक्षण कराते हुए सुरक्षा के कार्य कराए जाएंगे।  इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय जनता की समस्याएं भी सुनी। उन्होंने बरम के गोगोई में भू कटाव को रोके जाने हेतु सुरक्षा दिवार का निर्माण करने की घोषणा भी की।उन्होंने कहा कि दुःख की घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। हर सम्भव मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक माह हेतु क्षेत्र में हैलीसेवा को बढ़ा दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ से हवाई सेवा सुचारू किए जाने हेतु भी प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि धारचूला काली नदी किनारे तटबन्ध निर्माण हेतु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार 42 करोड़ की धनराशि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान हेतु शासन से कार्यवाही की जाएगी।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से बंद क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्रता से खोलना हमारी प्राथमिकता है । उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तीन मांह हेतु खाद्यान्न की आपूर्ति की जा चुकी है,जहां खाद्यान्न की कमी होगी उन क्षेत्रों में हैलीकॉप्टर से खाद्यान्न पंहुचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने आपदा के दौरान प्रशासन द्वारा किए गए त्वरित कार्य हेतु जिलाधिकारी एवं उनकी समस्त टीम की सराहना करते हुए कहा कि आपदा विभाग 24 घंटे कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का पहला देश है जहां सबसे अधिक वसीक्सीनेस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कोरोना कम हुआ है पर खत्म नहीं हुआ है। सभी लोगों से अपील है कि वह कोविड नियमों का अनुपालन अवश्य करें उन्होंने कहा कि अगले 4 महीने में प्रदेश में शत प्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा। केन्द्र से उत्तराखंड को 20 लाख वैक्सीन उपलब्ध करा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी कार्यों को सरलीकरण करते हुए उनका समाधान कर त्वरित निस्तारण करना सुनिश्चित करें ताकि निचले स्तर की समस्याओं के निस्तारण हेतु लोगों को तहसील, जिला एवं राज्य स्तर तक न आना पड़े। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भू गर्भीय परीक्षण कर सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारचूला के ग्वाल गांव में सुरक्षा के कार्य किए जाएंगे। व्यास खोतिला के भू कटाव की सुरक्षा हेतु धनराशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी घोषणा कर रही है उसे धरातल पर अवश्य ही साकार कर रही है। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद अजय टमटा ने कहा कि सरकार इस दुःख की घड़ी में आपदा प्रभावितों के साथ है। उनकी हर संभव मदद की जाएगी। भ्रमण के दौरान सांसद अजय टम्टा, जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह, क्षेत्र प्रमुख धन सिंह धामी, अध्यक्ष नगर पालिका राजेर्श्वरी देवी, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी आशीष पुनेठा, सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, जनता व विभागों के अधिकारी आदि मौजूद रहे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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