चमोली में राहत और बचाव कार्य जारी, अब तक 26 शव बरामद, 171 लापता, सीएम पहुंचे जोशीमठ
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के निकट रविवार की सुबह आई आपदा के बाद से पूरी रात भर राहत और बचाव का कार्य चलता रहा। तपोवन हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की दो टनलों को पूरी तरह से खोल दिया गया। वहीं, रैणी प्रोजेक्ट की टनल को खोलने का काम जारी है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के मुताबिक आठ फरवरी की रात आठ बजे तक हादसे में हताहत हुए लोगों में कुल 26 शव बरामद कर लिए गए हैं। अभी करीब 171 लोग लापता हैं। वहीं, 35 लोग टनल में फंसे हैं। जिन्हें तलाशने का अभियान जारी है। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फिर सोमवार की शाम जोशीमठ पहुंच गए।
चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 26 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। वहीं अभी टनल में 35 लोग फंसे हुए हैं। रेस्क्यू आपरेशन में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान, आइटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें लगी हैं।
सीएम त्रिवेंद्र पहुंचे चमोली, अधिकारियों की ली बैठक
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिह रावत सोमवार को फिर चमोली पहुंचे। यहां देर सांय उन्होंने तपोवन रितिक कंपनी के कार्यालय मे आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इनचार्ज अधिकारियों की बैठक लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को बेहतर तालमेल के साथ रेस्कयू कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए। सुनियोजित तरीके से आवश्यकता अनुसार संशाधनों का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने ने हर प्रभावित परिवार तक रसद पहुंचाने के भी निर्देश दिए। कहा कि राशन किट वितरण मे कोई भी अनियमितता न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। डीएम को समय समय पर मीडिया को ब्रीफिंग करने को कहा ताकि भ्रामक और गलत खबरें न फैले। इस दौरान एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इन्चार्ज ने टनल के बारे मे पूरी जानकारी दी।
ग्लेशियर टूटकर बांध पर गिरने से हुआ था हादसा
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से रैणी गांव में ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का डैम धवस्त हो गया था। इसने भारी तबाही मचाई और पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा नदी में एनटीपीसी के बांध को भी चपेट में ले लिया। घटना रविवार की सुबह करीब दस बजे की थी।
घटना के बाद इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया। साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार से लेकर अन्य मैदानी क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया था। साथ ही श्रीनगर बांध, ऋषिकेश बैराज में बढ़ते पानी की व्यवस्था के लिए पहले ही जगह बना दी गई थी। साथ ही गंगा में पानी ज्यादा न बढ़े, इसके लिए टिहरी बांध से पानी छोड़ना बंद कर दिया गया था। इससे नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं हुई। सूचना पर जिला प्रशासन, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। तब से ही राहत व बचाव कार्य जारी है। कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने मृतक आश्रितों को चार-चार लाख की घोषणा की थी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-दो लाख की घोषणा की है।
पूरी रात भर चलता रहा बचाव कार्य
जल स्तर घटने के बाद से पूरा क्षेत्र मलबे में अट गया है। कल से ही शुरू हुआ बचाव अभियान पूरी रात भर चलता रहा। अभी भी लापता लोगों के या तो मलबे में दबे होने या फिर टनलों में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं अभी टनल में 35 लोग फंसे बताए जा रहे हैं। इस कड़ी में रविवार दोपहर को वायुसेना के सी-130 एयरक्राफ्ट एनडीआरएफ की टीम और पांच क्विंटल राहत सामग्री लेकर जौलीग्रांट पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम के साथ ही सेना के जवान व नौसेना के गोताखोरों को दोपहर बाद रैणी गांव के लिए रवाना किया गया। वहीं, शाम को नौसेना के स्पेशल कमांडो (माकरेस) भी जौलीग्रांट पहुंच गए। सोमवार सुबह पौने सात बजे वायुसेना के जवान राहत सामग्री और माकरेस को लेकर प्रभावित स्थल की ओर रवाना हो गए। यहां वायुसेना प्रभावित क्षेत्रों में हवाई सर्वे भी करेगी।
डीजीपी बोले-नदियों का जलस्तर सामान्य
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि ये हादसा वन टाइम हादसा था। इस पर पैनिक न फैलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रित है। नदियों का प्रवाह सामान्य है। उन्होंने कहा कि तपोवन प्रोजेक्ट की दोनों टनलों को पूरी तरह से खोल दिया गया है। रैणी गांव की टनल में करीब 35 लोगों के फंसे होने की संभावना है। ये टनल काफी लंबी है। इस पर काम चल रहा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।