पढ़िए युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-इतना काफी है
इतना काफी है।
तू मेरी रातो का चमकता चॉद नही…
पर तू कही और रोशन है….
इतना काफी है।
माना अब वक्त बेवक्त बात नही होती…
पर फुर्सतो मे तुझे मेरी याद तो आती है……
इतना काफी है…..
तेरा दिदार नही होता अब हर घडी…
पर मेरे पास अब भी तेरी तस्वीरे है….
इतना काफी है।
रोती तो अब भी हु छोटी-छोटी बातो परऔर माना तु चुप कराने के लिये मेरे पास नही…
पर रोते-रोते तेरी दी गई कसम याद आती और मै चुप हो जाती हु….
इतना काफी है।
हाँ, पूरा सफर साथ न चल सके हम दोनो…
मगर सुकुन है, कुछ कदम साथ चले तो थे…
इतना काफी है।
शायद, अब तू किसी और के ख्वाबो को महकाता होगा..
पर मुझमे अब भी तेरी महक बाकी है…
इतना काफी है।
मुझे याद करके कभी- कभी तो तु भी रोता होगा..
दिल को मेरे ऐसी आस है…
इतना काफी है।
तेरे लिये मेरा प्यार जिंदा है….
मेरे लिये तेरा अहसास जिंदा हो…
मेरे लिये बस इतना काफी है…..
बस इतना काफी है…
इतना काफी है।
कवयित्री का परिचय
नाम-प्रीति चौहान
निवास-जाखन कैनाल रोड देहरादून, उत्तराखंड
छात्रा- बीए (द्वितीय वर्ष) एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Bahut hi umda..dil ko chu jaane wali kavita
Preeti chauhan is superb writer
I love her post..