पढ़िए युवा कवयित्री किरन पुरोहित की कविता- श्री नंदादेवी
श्री नंदादेवी
नंदा देवी में बसते उत्तराखंड के प्राण हैं ,
नंदा राज राजेश्वरी उत्तराखंड की ध्याण हैं।
नंदा देवी ग्राम ग्राम में सदा जहां पूजी जाती ,
जहां की हर हिमपुत्री में नंदा की छवि खोजी जाती।।
नंदा जिनकी राजजात में ,बच्चे बूढ़े सब चलते ।
ध्याणी को कैलाश भेजने ,अचल कई चोटी चढ़ते ।।
नंदा जिसके गीत कहो तो,नभ भावुक गर्जन करता ।
मैत की याद सुनाती नंदा,नभ रोता वर्षण करता ।।
हिमपुत्री नंदा देवी को ,सिसक सिसक करती हैं विदा ।
कोई नहीं नंदा से प्यारा ,कोई नहीं उसके सिवा ।।
नंदा देवी पर्वत को छू ,बादल जब होते ओझल ।
पर्वत की नारी कहती ,बना रही नंदा भोजन ।।
बेटी नंदा का मैत हिमालय,भावपूर्ण उनसे नाता ।
नंदा गौरा ध्याणी हैं ,शिवशंकर प्रभु जमाता ।।
गांव-गांव में चौक-चौक में,नंदा पूजी जातीं हैं ।
शेष हिमालय दीपक है ,नंदा दीपक की बाती हैं ।।
……………..किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
लेखिका का परिचय —
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता – श्री दीपेंद्र पुरोहित
माता – श्रीमती दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
आयु – 17 वर्ष
अध्ययनरत – कक्षा 12वीं उत्तीर्ण
निवास, कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।