Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 10, 2025

पढ़िए युवा कवयित्री किरन पुरोहित की स्वतंत्र विधा की कविता-मां भवानी

लगे भवानी लाडली ,
गिरिनंदिनी राजकिशोरी ।
मै तो तुझे मनाऊं माता ,
सुन लो विनती मोरी ।।

अहो सलोना रूप तेरा मां ,
सोने जैसा चमके ।
हे ! गिरिजा सिंगार तुम्हारा ,
सूर्य कि भांति दमके ।।

तेरे गुण मैं गाऊं देवी ,
शिव मुख चंद्र चकोरी ।
मैं तो तुझे मनाऊं माता ,
सुन लो विनती मोरी ।।1।।

तेरे ही आशीष से होती ,
जीवन पथ पर सदा विजय ।
कैलाश स्वामिनी सुर -मुनि -जन ,
नित करते हैं तेरी जय जय ।।

शंभु भामिनी शिव भोले हैं ,
तू अति मन की भोरी ।
मैं तो तुझे मनाऊं माता ,
सुन लो विनती मोरी ।।2।।

——-किरन पुरोहित हिमपुत्री

लेखिका का परिचय —
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता – श्री दीपेंद्र पुरोहित
माता – श्रीमती दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
आयु – 17 वर्ष
अध्ययनरत – कक्षा 12वीं उत्तीर्ण
निवास, कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “पढ़िए युवा कवयित्री किरन पुरोहित की स्वतंत्र विधा की कविता-मां भवानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Jak vycvičit kočku na škrabadlo za Jak zdravě vypadající potraviny mohou zničit váš Jak vyčistit zlato za 10 minut: Jak se vám vrátí zrak: Sedmiminutový rituál, Zamiloval ses do své nejlepší