राम ने चलाए तीर, सीएम धामी ने दबाया रिमोट, जल उठा सबसे ऊंचा रावण, स्वाहा हुए 12 लाख रुपये, देखें तस्वीरें
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देशभर में 24 अक्टूबर को मनाया गया। इस बार देहरादून के परेड मैदान में जलने वाला रावण के पुतले भारत में सबसे ऊंचा रावण बताने का दावा किया गया। इसकी ऊंचाई 131 फीट थी। इस पुतले की खास बात है कि यह पर्यावरण के अनुकूल कम पटाखों का इस्तेमाल किया गया। इसकी लागत 12 लाख बताई जा रही है। दशहरा बन्नू बिरादरी कमेटी हर साल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड मैदान में 75 सालों से दशहरा पर्व पर रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतलों का दहन करने के साथ ही लंका दहन का भव्य आयोजन करती आ रही है। इस बार सबसे ऊंचे रावण पर जब राम ने तीर चलाए तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक एक करके रिमोट के 12 बटन दबाए। ऐसे में रावण धूं धू कर जल उठा। साथ ही 12 लाख रुपये भी धुएं में स्वाहा हो गए। परेड ग्राउंड में 76वां दशहरा महोत्सव पर शाम 6:05 बजे लंका दहन, मेघनाद व कुंभकर्ण पुतला दहन 6:17 बजे और 6:20 बजे ऐतिहासिक 131 फीट ऊंचा रावण का पुतला दहन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मोती बाजार, पलटन बाजार, घंटाघर होते हुए एश्लेहाल चौक से परेड ग्राउंड पहुंची। रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले व लंका दहन के बाद शोभायात्रा ने वापस मंदिर पहुंचकर विराम लिया। परेड ग्राउंड में दशहरा महोत्सव पर महापौर सुनील उनियाल गामा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राजपुर रोड विधायक खजानदास, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, कैंट विधायक सविता कपूर, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी के अध्यक्ष संतोख सिंह नागपाल, नीता विरमानी, राजेंद्र ढिल्लो, हरीश डोरा, व्यापारी पंकज मैसोन आदि मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भगवान राम एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना के तत्पश्चात् रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों के साथ ही लंका दहन को रिमोट के बटन दबाए। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्षों से हम रावण का दहन करते आ रहे है। रावण अधर्म एवं बुराई का प्रतीक था। इसलिये उसे हर वर्ष जलना होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें समाज में जहां भी बुराई नजर आती है। उसे दूर करने का भी सन्देश देता है। अच्छा इंसान बनकर ही हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में सहभागी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी का यह पर्व हमारे समाज के लिये एक सीख और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह पर्व हमारे सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने, हमारी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में प्रयास करते रहने की परंपरा को आगे बढ़ाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे त्योहार हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े होने के साथ ही कृषि, नदियों, पहाड़ों और हमारे इतिहास से जुड़े हुए हैं। युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्रि के शुभ दिनों के बाद आज विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम जिस संकल्प को लेकर अयोध्या से निकलते हैं, उसी संकल्प से वे एक बड़ी सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं और रावण पर उनकी जीत में समाज के हर वर्ग की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। हम सभी जानते है कि प्रभु राम का मंदिर अयोध्या में बनने को है। यह हमारा सौभाग्य है कि सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वहां हम भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुडे कई स्थान है। हनुमान जी ने प्रदेश के द्रोणगिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर लक्ष्मण जी की जीवन रक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढा है। देश में जी-20 देशों का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। इस आयोजन में दुनिया ने नये भारत के सामर्थ्य तथा सांस्कृतिक वैभव को देखा। आज देश के अंदर एवं सीमाओं पर पूर्णतः शान्ति का माहौल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि इस विजयादशमी पर प्रतिज्ञा लें कि हम 2025 तक, जब हम अपनी राज्य गठन की रजत जयन्ती मनाएंगे, अपने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लें। हमें प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग को रोकने एवं वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित “नशा मुक्त देवभूमि” बनाने का संकल्प भी लेना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, डा. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, बिनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आर. के. जैन, बन्नू बिरादरी समिति के अध्यक्ष सन्तोष नागपाल, प्रेम भाटिया, गगन सेठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।