आपसी भाइचारे का कठपुतली दे रही संदेश, गीत के माध्यम से जगा रही एक आशा
अब बोलेगी कठपुतली के इस एपिसोड में कठपुतली समाज से भाईचारे की बात, दोस्ती की बात करती आ रही है। इस बार भी हमारे जो सामाजिक संबोधन के जरिये एक संदेश दिया गया है। जिसमें हम एक दूसरे के साथ आत्मसात होने की कोशिश करते हैं। जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल। सलाम वालेकुम। नमस्कार ।राम-राम । इन तरीके के संबोधन हमें समाज में भाईचारा आपसी सद्भाव का सन्देश देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कठपुतली ने एक गीत को आधार बनाकर गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने का सन्देश दिया। साथी इस आशावादी गीत के साथ अपनी बात को रखा है। इसमें वह कहती है कि हम देखेंगे हम भी देखेंगे एक दिन वह आएगा जिस दिन का हमें इंतजार है। यह इंसानियत को ले करके अपनी बात को रखती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।