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April 15, 2025

कोरोना महामारी के दौरान लोगों में आ रहे हैं मनोवैज्ञानिक विकार, सता रहा ये डर, ऐसे मरीजों को सरकार देगी परामर्श

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में मनोवैज्ञानिक विकार और संक्रमण को लेकर मानसिक अवसाद जैसी परिस्थिति पैदा हो रही है।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में मनोवैज्ञानिक विकार और संक्रमण को लेकर मानसिक अवसाद जैसी परिस्थिति पैदा हो रही है। इससे लोगों को उबारने के लिए अब उत्तराखंड सरकार की ओर से संचालित ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा के जरिये ऐसे मरीजों को परामर्श एवं उपचार देने का कार्य किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि टेलीमेडिसन सेवा तथा 104 हेल्पलाईन पर प्राप्त जानकारी एवं विवरण के अनुसार अधिकांश मरीजों में मानसिक अवसाद और मनोवैज्ञानिक विकार की परिस्थतियां देखी गयी है।
मानसिक रोग की स्थितियां हो रही पैदा
चिकित्सकों के अनुसार अधिकांश लोगों में अन्य रोगों के साथ-साथ मानसिक रोग जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो रही है। इस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 19 मनोरोग चिकित्सकों को ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा के अन्तर्गत पीड़ित मरीजों को निश्शुल्क परामर्श देने के लिए तैनात किया गया है।
सता रहा है कोरोना का डर
डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हैल्पलाईन 104 पर प्राप्त कॉल्स का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि अधिकांश व्यक्ति कोरोना संक्रमण के कारण मानसिक अवसाद के शिकार भी हो रहे है और उन्हे कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने का डर भी सता रहा है। इन परिस्थितियों में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के स्वस्थ होने की दर धीमी हो जाती है। वे मनोरोग के शिकार भी हो सकते है।
परामर्श के लिए यहां जुड़ें
इस परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से अब ई-संजीवनी पोर्टल www.esanjeevaniopd.in के माध्यम से परामर्श का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। इस पोर्टल पर पीड़ित व्यक्ति लॉगइन करके घर बैठे मुफ्त चिकित्सकीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. नैथानी के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श के लिए 19 मनोरोग चिकित्सकों से यह सेवा प्रत्येक दिन प्रातः 9 बजे से दोपहर 01 बजे तक उक्त पोर्टल पर लॉगइन
कर अथवा हैल्पलाईन नंबर 104 पर कॉल करके प्राप्त किया जा सकेगा।
ये चिकित्सक दे रहे हैं सेवाएं
तैनात किए गए मनोरोग चिकित्सकों में जवाहरलाल नेहरू जिला चिकित्सालय रुद्रपुर के डॉ ईके दल्ला, कोरोनेशन चिकित्सालय की डॉ निशा सिंघला व दून मेडिकल कालेज के डॉ एमके पंत व एम्स ऋषिकेश के डॉ विशाल धीमान प्रमुख है।
सकारात्मक सोच से जीत संभव
दून मेडिकल कालेज के डॉ एमके पंत ने बताया कि कोरोना को जीतने के लिए सर्वप्रथम आत्मविश्वास चाहिए। सकारात्मक सोच से ही किसी भी प्रकार की जीत संभव है। जनमानस को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन करने से ही आत्मविश्वास जागृत होगा। गाइडलाईन का पालन करवाने के लिए अपने परिवार व नाते रिश्तेदारों से अनुरोध की आवश्यकता है।
जैसा सोचोगे, वैसा पाओगे
डा पंत ने कहा कि आप जैसा सोचेंगें, वैस ही पाएंगे। सकारात्मक सोच आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह मन में लाइये कि सकारात्मक सोच के साथ अपना इम्यून सिस्टम सही रखकर कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन कर हम सभी कोविड की द्वितीय लहर को भी हराएंगे।
डर से न उठाएं गलत कदम
डॉ विशाल धीमान ने जानकारी दी कि डर के कारण मरीजों में कई बार आत्महत्या करने जैसी प्रवृत्ति आ जाती है। एक अध्ययन के अनुसार 40-60 प्रतिशत मामलों में मनोवैज्ञानिक विकार शुप्त अवस्था में रहते है और कोविड जैसी परिस्थितियों के कारण वह विकराल मानसिक बीमारी का रूप धारण कर लेती है। कोविड संक्रमण से ठीक होने के उपरांत भी मरीज को परिवार के स्तर पर उचित देखभाल एवं अवसाद से बाहर आने के लिए आवश्यकीय सहयोग एवं संवेदनशील होना आवश्यक होता है। साथ ही लोगों को अपने आत्मविश्वास को जगाना चाहिए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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