प्रियंका गांधी का हमला, राम मंदिर के आसपास बीजेपी नेता, अधिकारियों और ट्रस्ट के लोगों ने मचाई जमीन की लूट, योगी ने बैठाई जांच
उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में कुछ राजनीतिक चेहरों और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जमीन की कथित खरीद का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है। भाजपा के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं। वहां पर कितने हजार करोड़ का घोटाला किया गया है, नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि भगवान राम सत्य के पथ पर चले. उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है और पूरे देश की आस्था पर चोट की जा रही है।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर जमीन खरीद का घोटाला हुआ है। इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा, कि भगवान राम के नाम पर घोटाला हुआ है। प्रियंका गांधी ने जिला स्तर के अधिकारी को जांच दिए जाने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया था। अब दलितों की जमीन हड़पी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए जांचः प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि भगवान राम के मंदिर के नाम पर लिए गए चंदे का इस्तेमाल भाजपा और आरएसएस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार कहती है कि जिला अधिकारी स्तर पर जांच की जाएगी। जिला स्तर के अधिकारी मेयर की जांच कैसे करेंगे? मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. जांच भी सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए।
रणदीप सुरजेवाला ने लगाया ये आरोप
वहीं रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक जमीन दो करोड़ में बेची गई। इसके बाद उसी जमीन को लेकर एफआईआर दर्ज हुई कि ये जमीन बेची ही नहीं जा सकती है. फिर यही जमीन 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को टिका दी गई। उन्होंने कहा कि इन जमीनों की रजिस्ट्री और कामकाज तब हुआ दिखाया गया है जब कोर्ट के दफ्तर बंद हो जाते हैं। जिस जमीन पर एफआईआर है, उस जमीन की खरीद बिक्री कैसे हुई?
ऐसे हुआ जमीन की खरीद-फरोख्त का खेल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि गोसाईगंज से विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 30 लाख रुपए में 2,593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। खब्बू तिवारी के बहनोई राजेश मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहेटा गांव में 6,320 वर्ग मीटर जमीन 47.40 लाख रुपए में खरीदी। वहीं, अयोध्या के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिसंबर 2020 में सरयू नदी के पार गोंडा के महेशपुर में चार करोड़ रुपए में 14,860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। फिर, उनके भतीजे तरुण मित्तल ने नवंबर 2019 में बरहटा माझा में 5,174 वर्ग मीटर जमीन 1.15 करोड़ रुपए में खरीदी। अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या ने अयोध्या मंदिर निर्माण स्थल से 5 किलोमीटर दूर गोंडा के महेशपुर गांव में 50 लाख रुपए में 9,375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।
अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के परिवार का भी नाम
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बताया गया, कि अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल ने दिसंबर 2020 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2,530 वर्ग मीटर जमीन बरेटा माझा गांव में खरीदी थी। वहीं, केपी अग्रवाल के बहनोई आनंद वर्धन ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से ही 15.50 लाख रुपए में 1,260 वर्ग मीटर जमीन ली। अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने तो अयोध्या विवाद पर फैसला आने से दो महीने पहले ही यानी सितंबर 2019 में 30 लाख रुपए में 1,480 वर्ग मीटर जमीन खरीद ली थी। दूसरी तरफ, जुलाई 2018 में ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या के काजीपुर चितवन में दान के रूप में 2,530 वर्ग मीटर जमीन हासिल की। जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
सीएम योगी ने बैठाई जांच
उत्तर प्रदेश सरकार ने भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों और सरकारी अधिकारियों द्वारा अयोध्या में आगामी राम मंदिर के पास कथित रूप से जमीन हड़पने की खबर आने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। एडीशनल चीफ सेक्रेटर (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहन जांच करने का आदेश दिया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।