युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-नया साल, चलो स्वागत करते हैं

नया साल…..चलो स्वागत करते हैं…..
जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला,
कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला ..
जो कुछ आशा के थे…
तो कुछ निराशा के थे…
कुछ ख्वाहिशें दिल मे रह गईं
उम्मीद है कि आने वाला कल अधूरे सपनो को पूरा करेगा
कुछ बिन मांगे मिल गई
कोशिश करुँगी वो साथ रहे
कुछ छोड़ कर चले गये अपने इस सफर में
उम्मीद है कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में ..
कुछ मुझसे बहुत खफा हैं,
कुछ से मैं बहुत खफा हूँ….
कुछ से मैं बहुत खुश हूं….
कुछ मुझसे बहुत खुश हैं ..
कुछ हिस्सों को मिटा दूँगी
कुछ किस्सो को जोड़ लूँगी
कुछ को मेरा इंतजार हैं,
कुछ का मुझे इंतजार है ..
ज़िन्दगी के सफर का सिलसिला यूँ ही ढलता रहेगा…..
पल पल करके वक़्त निकलता रहेगा…
कुछ सपने पूरे भी होंगे कुछ ख्वाब अधूरे भी रहेंगे
कुछ लम्हे हँसी के भी होंगे
कुछ लम्हे गम के होंगे
कभी साथ करवा होगा
तो परछाई भी साथ नही चलेगी….
बीते साल ने बहुत कुछ सीखाया
हर हालत में खुश रहा जा सकता है ये बताया….
जो गलती की उन्हें फिर से दोहराया जाए
आने वाले साल का दिल खोलकर स्वागत किया जाए…..
कहीं हुई हो गलती कभी दिल दुखाया हो तो माफ कीजिये
और कुछ अच्छा लगा तो याद कीजिये ..
कवयित्री का परिचय
नाम-प्रीति चौहान
निवास-जाखन कैनाल रोड देहरादून, उत्तराखंड
छात्रा- बीए (द्वितीय वर्ष) एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून उत्तराखंड।