पुलिस शहीद स्मृति दिवसः शहीद पुलिसकर्मियों को दी गई श्रद्धांजलि

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की सीमायें नेपाल, चीन से मिलती है। अतः उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण है। राज्य के विकास में उत्तराखंड पुलिस का महत्तवपूर्ण योगदान है तथा उत्तराखंड पुलिस अपने नारा मित्रता, सेवा, सुरक्षा के मूल्यों की भावना के अनुरुप कार्य करते हुए अपराध एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए बहुत चुनौतियों का सामना कर रही है। इनमें नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कॉवड यात्रा आदि हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर मुख्यमंत्री का वीडियो संदेश भी सुनाया गया। इनमें उन्होंने कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस जनों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमने एक अग्रणी कदम बढ़ाते हुए जनसामान्य की सुविधा के लिए पुलिस से संबंधित समस्त सेवाओं का लाभ जनता को दिए जाने के उद्देश्य से उत्तराखंड पुलिस एप एवं ई-एफआईआर की सुविधा प्रदान की है। हमारी सरकार सभी क्षेत्रों के साथ-साथ अपने पुलिस परिवार का भी विशेष ध्यान रख रख रही है।
सीएम ने की ये घोषणाएं
1.उत्तराखंड पुलिस विभाग में कार्यरत कार्मिकों के पौष्टिक आहार भत्ते में रुपए 200/- की बढ़ोतरी।
2.उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड पुलिस विभाग के समस्त प्रशिक्षण संस्थाओं में नियुक्त प्रशिक्षकों को उनके मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन देशभर के सभी राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं देश के अन्य सभी केंद्रीय पुलिस संगठनोंके लिए एक विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण दिन है। इसकी पृष्ठभूमि के रूप में बताना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉट स्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने SI करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर के दिन को पूरे देश में “पुलिस स्मृति दिवस” या पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को आश्वस्त करना चाहॅूंगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले एक साल में ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहूति देने वाले पुलिसकर्मी
1-उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस अमरपाल सिंह, नैनीताल
2-उप निरीक्षक(वि0श्रे0) 31 नागरिक पुलिस विजय लक्ष्मी, चम्पावत
3-आरक्षी 121 सशस्त्र पुलिस अरूण कुमार मौर्य, नैनीताल
4-आरक्षी 69 नागरिक पुलिस अनिल कुमार, चमोली
5-महिला आरक्षी नागरिक पुलिस नीलम रत्नाकर, ऊधमसिंहनगर
6-फायरमैन नितिन सिंह राणा, नैनीताल (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित
स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायकों में खजान दास, बृजभूषण गैरोला, सविता कपूर, अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआइडी/पीएसी पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार अमित सिन्हा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन फायरमैन मनीष पंत एवं महिला आरक्षी सोनिया जोशी ने किया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।