पुलिस का दावाः अंतरराज्यीय शटर तोड़ गिरोह के दो सदस्य किए गिरफ्तार, बरामद माल का नाम जानकर चौंक जाएंगे आप
ऋषिकेश पुलिस ने पिछले साल ऋषिकेश में इलेक्ट्रोनिक्स शो रूम में चोरी की घटना के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार इन आरोपियों से एक साल बाद मोबाइल फोन तो नहीं मिले, जो शायद मिलने भी नहीं थे, लेकिन पुलिस ने महंगे मोबाइल फोन के 12 डिब्बे जरूर बरामद किए। इन डिब्बों को उन्होंने चोरी के बाद खंडहर में फेंक दिया था। जो शायद अब तक सुरक्षित मिले। पुलिस की इस कहानी को जो भी पढ़ेगा, वो ही हैरत में पड़ जाएगा। पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों पर 1500-1500 का इनाम भी घोषित किया गया था। वे शटरकटवा या घोड़ासहन गैंग के सदस्य हैं। यहां तक पुलिस ने इस गैंग को अन्तराष्ट्रीय शटरकटवा/घोड़ासहन गैंग करार दिया, लेकिन भारत के बाहर किस राष्ट्र में उन्होंने चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया, इसका जिक्र नहीं है। ये हम नहीं कह रहे हैं, इसका जिक्र पुलिस प्रेस नोट मे है। जिसमें गैंग को अंतरराष्ट्रीय गैंग बताया गया है।
ये हुई थी घटना
पिछले साल आठ मार्च 2020 को विवेक राणा ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका अधिराज इलेक्ट्रोनिक्स शोरूम हरिद्वार रोड़ में है। दुकान से किसी ने लगभग 30-32 मोबाईल फोन चोरी कर लिये गये हैं। इस पर पुलिस ने पूर्व में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त स्कोर्पियो गाड़ी व मोबाइल फोन भी बरामद करने का दावा किया था। शेष तीन आरोपी फरार चल रहे थे। उन पर 1500-1500 रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया था।
दो आरोपी किए गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक सूचना मिली कि शटरकटवा गैंग के दो सदस्य जो पूर्व की चोरी के वांछित हैं, वे ऋषिकेश में घूम रहे हैं। वे किसी दुकान में सेंध मारने की तैयारी में हैं। इस सूचना पर पुलिस टीम ने घाट चौक के पास से दो संदिग्ध व्यक्तियों को गत रात करीब सवा 11 बजे गिरफ्तार किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि मोबाइल चोरी की घटना के बाद खाली डिब्बों को हमने रास्ते में आईडीपीएल के खंडहर में फेंक दिया था। उनकी निशादेही पर मोबाईल के 12 खाली डिब्बे बरामद किए गए।
ये हैं आरोपी
1- मौ निजामुद्दीन उर्फ इनके पुत्र मौ इस्लाम मिया निवासी दर्जी मौहल्ला, थाना घोड़ासहन, जिला पूर्वी चम्पारन मोतिहारी बिहार।
2- मौ अमनदुल्ला उर्फ नईम पुत्र मसीन दीवान निवासी दर्जी मौहल्ला, थाना घोड़ासहन, जिला पूर्वी चम्पारन मोहितारी बिहार।
अपराध का तरीका
पुलिस ने बताया कि ये लोग शटरकटवा या घोड़ासहन गैंग के नाम से जाने जाते हैं। सात आठ व्यक्तियों के गिरोह में जाकर ये मंहगे मोबाइल फोन व घड़ियों के दुकानों व शोरूम की रैकी करते हैं। सुबह के समय दुकान के आगे दो व्यक्ति चादर लेकर खड़े हो जाते हैं। इस दौरान दो या तीन व्यक्ति शटर को उठा देते हैं। पहले एक पतला व्यक्ति दुकान के अन्दर जाकर चोरी कर सामान को बाहर लेकर आ जाता है। इसके बाद एक आदमी माल को लेकर ट्रेन से चला जाता है। बाकी सभी लोग अलग अलग फरार होते हैं। माल को बिहार ले जाने के बाद इसे नेपाल में बेच देते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।