शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-कवि की महत्ता

कवि की महत्ता
कवि अनन्त कवि सूरज
कवि समाज कवि धर्म
कवि पहाड़ कवि रसधारा
कवि धार में नदी किनारा
कवि गुणगान की मधुशाला
कवि गान की मधुर है वेला
कविता में क्या लिख देता
वह गागर में सागर भर देता ।
कवि फूल है कवि ही कांटे
कवि हास्य कवि जोश है
कवि सूरज किएक छोर है
उसके लेखन के विचार हैं
बात बात को लिख देता हैं
कवि की महिमा इतनी महान
कवि लेख में ऐसा कर देता
वह गागर में सागर भर देता।
कवि मिट्टी है कवि पत्थर है
कवि लेखन के बोल कठोर
बचपन से बुढ़ापा क्या होये
कवि के लेख हुएं अनमोल
कवि गायकी कवि सायरी
क्या क्या वो लिख जाता है
कवि न जाने क्या लिख देता
वह गागर में सागर भर देता।
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।