युवा कवयित्री किरन पुरोहित की कविता-आया वसंत

आया वसंत
आया वसंत, आया वसंत ।
है चहुं ओर, छाया वसंत ।।
मोहक है, माया वसंत ।
आया वसंत, आया वसंत ।।
स्नान किए उस बरखा से,
पट श्वेत बर्फ का सरका के ।
है हरित साड़ी पहने वसुधा ,
कितनी प्यारी है वसुधा ।।
जिस पर झालर फूलों के
आया वसंत आया वसंत ।।1।।
आंचल मे फ्यूली -बुरांस,
भर बसंत की गहन श्वांस ।
कोयल के स्वर में गाती ,
बनकर नदिया इठलाती ।।
है वसुधे ! किसका इंतजार ?
आया वसंत, आया वसंत ।।2।।
किसके हित ऐसा श्रृंगार,
किससे इतना अधिक प्यार ।
रतिपति के बाणों से बींधी,
व्याकुल किनके हित दीदी ।।
जिनसे वसंतमय सब संसार—
आया वसंत आया वसंत ।।3।।
मौन तुम्हारा सब कहता है ,
मुझको आनंदित करता है ।
ब्रजकिशोर का इंतजार,
उनसे तेरा भी परम प्यार ।।
जिन पर गोपीमन मरता है —
आया वसंत ,आया वसंत।।4।।
कवयित्री का परिचय
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता -दीपेंद्र पुरोहित
माता -दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
अध्ययनरत – हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर मे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा।
निवास-कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
भौत सुंदर रचना किरण पुरोहित की.