राजस्थान के युवा कवि कंदर्प पण्डया की कविता-बदला क्या है
बदला क्या है?
बदला क्या है?
कुछ भी तो नही!
वही फीके चेहरे,
वही तीखे तेवर,
वही दिखावटी रिश्ते,
वही मतलबी जहाँ
तो बदला क्या है?
कुछ भी तो नही!
बदला क्या है?
कुछ भी तो नही!
वही विमोहित प्रेम,
वही दिखावटी प्यार,
वही तकनीकी राग,
वही एकतरफा मुहब्बत,
वही प्रेमियो का इश्क़
बदला क्या है?
कुछ भी तो नही!
बदला क्या है?
कुछ भी तो नही!
वही रिश्ते,
वही चेहरे,
वही रिश्तेदार,
वही जख्म,
तो बदला क्या है?
कुछ भी तो नही ।
आँकडों के बदल जाने से
कुछ बदलता तो नही
कोई आता है तो
कोई जाता ज़रूर है।
तो बदलता कुछ भी नही,
सिर्फ मुखोटे उरतरते है,
और नए सितारे दिखते है।
कवि का परिचय
नाम- कंदर्प पण्डया
पता- चिखली, डूँगरपुर, राजस्थान।
परिचय-छात्र युवा हिंदी लेखक कंदर्प पण्डया चिखली, डूंगरपुर, राजस्थान के एक लेखक हैं। उन्होंने उच्च माध्यमिक सरकारी विद्यालय से पूरा कर लिया है। वर्तमान में वह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से बीएससी में अध्ययनरत हैं। वे अपने जुनून के रूप में विगत एक वर्ष से कविता लिख रहे हैं। वे भविष्य में एक लेखक और एक पुलिस उपाधीक्षक बनना चाहते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर कविता, सचमुच कुछ भी नहीं बदलता.