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December 14, 2024

युवा कवि कल्पित पंड्या की कविता-कुल्हड़ की चाय की चुस्कियां

युवा कवि कल्पित पंड्या की कविता-कुल्हड़ की चाय की चुस्कियां।

कुल्हड़ की चाय की चुस्कियां
माटी से जुड़ा रखती है।

दुनिया के बदलते तौर तरीकों में भी
उस कुम्हार की गृहस्थी चलती है।

वो कुल्हड़ की चाय की चुस्कियां
याद दिलाती है कि अंततः माटी में मिल जाना है।

वो चाय कुल्हड़ की सहेली है,
वही कुल्हड़ जो दुनिया की तड़क भड़क से दूर ।

सादगीपूर्ण जीवन बिताकर देश की मिट्टी में घुल जाता है
औरो की तरह प्रदुषित नही करता न ही ज़हर घोलता है चुस्कियों में।

जब कही नज़र आये तो ,
वो कुल्हड़ की चुस्कियाँ ज़रूर लेना।

कवि का परिचय
कल्पित पंड्या
शिक्षा-एमएससी, पीएएमसीसी।
निवास-सागवाड़ा, डूंगरपुर राजस्थान।
वर्तमान में कल्पित बजाज फाइनेंस में जॉब कर रहे हैं। साथ ही वह सरकारी जॉब्स की तैयारी कर रहे हैं।
मो–9660960260

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

3 thoughts on “युवा कवि कल्पित पंड्या की कविता-कुल्हड़ की चाय की चुस्कियां

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