युवा कवि ब्राह्मण आशीष उपाध्याय की कविता-क्या तुम्हें याद है
वो हमारी पहली मुलाक़ात क्या तुम्हें याद है?
वो शाम और वो बरसात क्या तुम्हें याद है?
जिसे देख कर सजाए थे तुमने सपने कई सारे।
वो रास्ते से गुजरती हुई बारात क्या तुम्हें याद है?
बाइक पे मेरे कन्धे को पकड़ना क्या तुम्हें याद है?
वो बादलों के गरजने पर मुझे जकड़ना क्या तुम्हें याद है?
जिस नाम से जानती है मुझे दुनिया मेरा वो नाम भूल गये तुम लेकिन।
जिस नाम से तुम बुलाती थी मुझे वो मेरा नाम क्या तुम्हें याद है?
मैं मान लूँगा कि तुमसे बिछड़ना ही था नसीब मेरा लेकिन।
किस बात पर हम थे बिछड़ने वो बात क्या तुम्हें याद है?
क्या तुम्हें याद है क्या तुम्हें याद है।
कवि का परिचय
नाम-ब्राह्मण आशीष उपाध्याय (विद्रोही)
पता-प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश
पेशे से छात्र और व्यवसायी युवा हिन्दी लेखक ब्राह्मण आशीष उपाध्याय #vद्रोही उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के एक छोटे से गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निक (नैनी प्रयागराज) और बीटेक ( बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से मेकैनिकल ) तक की शिक्षा प्राप्त की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि के छात्र हैं। आशीष को कॉलेज के दिनों से ही लिखने में रुचि है। मोबाइल नंबर-75258 88880
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।