भारतरत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को समर्पित कविता

आक्रामकता में भी लिये शालीनता
शब्दों के प्रहारों में भी अजब संयम
असाधारण शैली के जन्मदाता
मेरे आदर्शों में आदर्श तुम दुर्लभ जन्य हो
भारत के रत्न “अटल “। तुम धन्य हो !
शब्दों से खेलखेलकर जादू करना अदभुत
कविताओं के द्वारा भाव तुम्हारे होते है मूर्त
शालीनता सहजता उदारता में छिपी वाकपटुता
ये अंदाज तुम्हारा कर देता सबको चुप
अपनी इसी कला से तुम सर्वमान्य हो
भारत के रत्न “अटल “। तुम धन्य हो !
कृष्णबिहारी का हो मस्तक तेज तुम
आमजन के तुम अतिप्रिय विशेष हो
पार्टी के तो हो ही अमर अभिमान तुम
विपक्षियों के भी तुम लालायित विवेक हो
फैसलों पर तुम कठोर और रिश्तों में तन्य हो
भारत के रत्न “अटल “। तुम धन्य हो !
न परिवार की चाह न सम्पत्ति का मोह
जगत जननी पर तुम सदा बलिहारी हो
ताउम्र निष्पक्ष निष्काम कर देश की सेवा
तुम्हारा भले ही कोई नहीं, लेकिन तुम सबके हो
यह त्याग सेवा उपकार हमें सदा वंदनीय हो
भारत के रत्न “अटल “। तुम धन्य हो !
सामाजिक समानता और सौहार्द के प्रणेता
गर्व हमारे तुम आज जीवन के सांझ पहर में हो
अजातशत्रु सर्वसमावेशी व्यक्तित्व के धारी
तुम कभी न ढ़लने वाला ओजस्वी तेज हो
हर हाल हर दशक हर काल में तुम स्वीकार्य हो
भारत के रत्न “अटल “। तुम धन्य हो !

कवयित्री का परिचय
सोनिका रमोला नेगी
प्रवक्ता राजनीति विज्ञान
राजकीय बालिका इंटर कालेज दौलाघट अल्मोड़ा।





