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November 16, 2024

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक, सियासत हुई तेज, कांग्रेस ने दिए ये तर्क, बीजेपी ने निकाला कैंडल मार्च

पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मसला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के खिलाफ हमलावर है।

पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मसला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के खिलाफ हमलावर है। ऐसा लगने लगा है कि महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दे आगामी विधानसभा चुनावों से गायब होने वाले हैं। कांग्रेस जहां इस मसले पर बचाव की मुद्रा की बजाय अब हमलावर हो चुकी है, वहीं भाजपा भी पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उत्तराखंड में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तो चुनाव के मद्देनजर, कांग्रेस नेता हरीश रावत को भी पंजाब के मुद्दे पर आढ़े हाथों लिया। साथ ही शुक्रवार की शाम को कैंडल मार्च भी निकाला।
गौरतलब है कि बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी सड़क मार्ग से रैली के लिए जा रहे थे। इस दौरान एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। इस चूक की वजह से पीएम मोदी फिरोजपुर में बिना कार्यक्रम में हिस्सा लिए ही बठिंडा एयरपोर्ट पर वापस लौट गए। प्रधानमंत्री ने बठिंडा एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा कि-अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया।
ये मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। ताकी पता चल सके कि चूक किस स्तर पर हुई। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे पर बीजेपी पर ही हमले कर रहा है। कांग्रेस का तो साफ साफ कहना है कि चुनावी रैली में भीड़ न जुटने के कारण पीएम मोदी सड़क मार्ग से जानबूझकर रैली स्थल को जा रहे थे। तर्क दिया जा रहा है कि पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी के पास होती है। उसकी घेराबंदी पर पीएम रहते हैं। क्या एसपीजी को ये मालूम नहीं था कि सड़क पर आंदोलन चल रहा है। फिर पीएम की जान को किसके खतरा हो सकता है। यदि पीएम ही खतरे की बात करेंगे तो बाकी देश का क्या होगा। अचानक पीएम का रूट बदला गया, जबकि पीएम जिस रूट से जाते हैं, वो पहले एसपीजी के कब्जे में ले लिया जाता है।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा को लेकर ट्विट किया। उन्होंने लिखा कि- हमारी सीमाओं पर जो हो रहा है वह राष्ट्रीय सुरक्षा की एक प्रमुख चूक है। क्या पीएम कभी इसके बारे में बात करेंगे?
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस मसले पर ट्विट किया। उन्होंने पीएम के कार्यक्रम में बदलाव पर सवाल उठाए। हरीश रावत ने जो तर्क दिए, जो बीजेपी को नागवार गुजरा और बीजेपी के सारे नेता हरीश रावत के विरोध में उतर आए हैं।
हरीश रावत ने लिखा कि-माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा सेंट्रल एजेंसी जिनमें आईबी, एसपीजी सब सम्मिलित हैं और राज्य पुलिस, इनका सम्मिलित दायित्व है। प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम में जब बदलाव हुआ, उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का निश्चय किया तो सारे मार्ग को प्रॉपरली तरीके से सैनिटाइज किया जाना चाहिए था और किसानों के आंदोलन की स्थिति, और उनके द्वारा दी गई चेतावनी के संदर्भ में इसको रिकंफर्म कर लिया जाना चाहिए था कि ऐसी संभावना तो पैदा नहीं होगी कि कोई मार्ग में आकर के अवरोध पैदा करे, ऐसा नहीं हुआ।
ये कहीं न कहीं पर एक सामूहिक सुरक्षा चूक है, जिस चूक में माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेंट्रल एजेंसीज भी हैं। यहां तक की उस क्षेत्र के अंदर जो प्रभावी है बीएसएफ जिसको वहां की सुरक्षा का ओवरऑल मामला केंद्र सरकार ने सौंपा है 50 किलोमीटर दायरे की सीमा के अंदर। उनको भी इस बात को देखना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

हरीश रावत ने आगे लिखा कि- मैंने कहा कि यदि आधा घंटा और समय ले लेते। प्रधानमंत्री जी का कारवां आधा घंटा देर से प्रारंभ होता तो ऐसी स्थिति नहीं आती और यदि आधा घंटा विलंब हो जाता तो कोई बादल नहीं फट पड़ता, कोई बम नहीं फट पड़ता। मैं समझता हूँ इस सामान्य से बयान को जो लोग राजनीतिक करण करने की कोशिश कर रहे हैं वो कृपा करके मेरे पूरे बयान को देखें, यदि मेरे पूरे बयान मे ऐसा कोई इंटेंशन लगता है कि माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा को अंडरमाइंड करने की कोशिश कर रहा हूं, तो मैं सारे देश से क्षमा मांगने के लिए तैयार हूं।
वहीं, हरीश रावत के खिलाफ बीजेपी की प्रतिक्रिया पर उन्होंने एक और ट्विट किया। इसमें लिखा कि-BJP Uttarakhand ने अपने ऑफिशियल पेज में मेरी और माननीय मुख्यमंत्री पंजाब श्री Charanjit Singh Channi जी की फोटो लगाकर के लिखा है कि कांग्रेसी नीच थे, नीच हैं और नीच रहेंगे। अब आप फैसला करें कि भाजपा हमें “नीच” कहकर कौन सी उच्च मानसिकता का परिचय दे रही है।

भाजपा ने कैंडल मार्च निकालकर रोष प्रकट किया
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी महानगर देहरादून के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के विरुद्ध कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च महानगर कार्यालय से आरंभ होकर राजपुर रोड घंटाघर पलटन बाजार होते हुए राजा रोड पर समाप्त हुआ।
मोदी तेरा यह अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान और पंजाब सरकार मुर्दाबाद जैसे गगनचुंबी नारो के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना रोष जाहिर किया। कैंडल मार्च में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन मंत्री अजेय कुमार, सांसद नरेश बंसल, महापौर सुनील उनियाल गामा ,विधायक विनोद चमोली, खजान दास प्रदेश ,प्रवक्ता विनय गोयल, महानगर महामंत्री रतन चौहान ,सतेंद्र नेगी किसान मोर्चा के जोगेंद्र पुंडीर सहित महानगर में निवास करने वाले सभी प्रदेश पदाधिकारी महानगर पदाधिकारी मोर्चों के पदाधिकारी तथा सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

हरीश रावत के बयान को उच्चस्तरीय जांच के दायरे में लाएं
पीएम मोदी के सुरक्षा में हुई चूक प्रकरण पर पूर्व सीएम हरीश रावत के विवादस्पद बयान की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कडी भत्सर्ना करते हुए उनके इस बयान को भी उच्चस्तरीय जाँच के दायरे में लाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत पंजाब के प्रभारी रहे है और चन्नी को सीएम बनाने में उनका विशेष योगदान रहा है। लिहाजा ऐसे मौके पर हरीश रावत का यह कहना कि पीएम आधे घण्टे और इंतजार करते तो क्या बम फूट जाता, साफ ईशारा करता है कि उनकी भुमिका संदिग्ध प्रतीत होती है लिहाजा प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर होने वाली उच्च स्तरीय जाँच में हरीश रावत को भी शामिल किया जाना चाहिए।
मदन कौशिक ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि उत्तराखण्ड भाजपा मांग करती है कि इस प्रकरण की जांच में हरीश रावत के बयान को भी संज्ञान में लेकर पूछताछ होनी चाहिए। उन्होने किस परिपेक्ष्य में यह बात कही और इस घटना को लेकर उनके पास और क्या-क्या जानकारी है। इस सम्बंध में पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति जी का राज्यपाल के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है।
इसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सुरक्षा में हुई चूक प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। उन्होने कहा कि राजनैतिक विद्वेष से किया गया यह षणयंत्र और कांग्रेसी नेताओं विशेषकर उत्तराखण्ड में सीएम बनने की जल्दी रखने वाले हरीश रावत के गैर-जिम्मेदराना बयान साफ चेतावनी है कि आने वाले दिनों में अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं हो सकती है। अफसोस तब अधिक होता है जबकि उनकी पार्टी के दो दो प्रधानमंत्री आंतकवादी घटनाओं में शहीद हुए हो। पत्रकार वार्ता में मदन कौशिक के साथ राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी, अजीत नेगी, संजीव वर्मा समेत अनेक पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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