पितृपक्ष का आरंभ 10 सितंबर से, इस बार 16 दिन होंगे श्राद्ध, जानिए तिथियां, इन बातों का रखें ख्याल
सनातन धर्म में पितृ पक्ष विशेष महत्व रखता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है। पितृ पक्ष पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सबसे अच्छा अवसर होता है। इस बार पितृ पक्ष का आरंभ 10 सितंबर, शनिवार से हो रहा है। वहीं पितृ पक्ष का समापन 25 सितंबर, मंगलवार को होगा। अमूमन पितृ पक्ष 15 दिन का होता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक इस बार पितृ पक्ष 16 दिन का होगा। इस बार अष्टमी का श्राद्ध 17 सितंबर की बजाय 18 को होगा। पितृ पक्ष में पूवर्जों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष के दौरान श्रद्धा पूर्वक पितृ देव को जल देने का विधान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)इन बातों का रखना होता है ध्यान
पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 15 दिन तक जो कोई भी श्राद्ध कर्म करते हैं। उन्हें इस दौरान बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना होता है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में बाल-दाढ़ी कटवाने से धन की हानि होती है। ऐसे में जो लोग पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण करते हैं। उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में घर पर सात्विक भोजन करना अच्छा होता है। खासतौर पर उनके लिए जो पितृ पक्ष में रोजाना तर्पण करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। यदि पितरों की मृत्यु की तिथि याद है तो तिथि अनुसार पिंडदान करना सबसे उत्तम होता है। श्राद्ध पक्ष में लहसुन, प्याज से बना भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पितृ पक्ष 2022 श्राद्ध की तिथियां
10 सितंबर – पूर्णिमा का श्राद्ध
11 सितंबर – प्रतिपदा का श्राद्ध
12 सितंबर – द्वितीया का श्राद्ध
12 सितंबर- तृतीया का श्राद्ध
13 सितंबर- चतुर्थी का श्राद्ध
14 सितंबर- पंचमी का श्राद्ध
15 सितंबर- षष्ठी का श्राद्ध
16 सितंबर- सप्तमी का श्राद्ध
18 सितंबर- अष्टमी का श्राद्ध
19 सितंबर- नवमी श्राद्ध
20 सितंबर- दशमी का श्राद्ध
21 सितंबर- एकादशी का श्राद्ध
22 सितंबर- द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध
23 सितंबर- त्रयोदशी का श्राद्ध
24 सितंबर- चतुर्दशी का श्राद्ध
25 सितंबर- अमावस्या का श्राद्ध

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




