देश में पेट्रोल और डीजल की सप्लाई कम, सूखने लगे हैं पेट्रोल पंप, तेल कंपनियों का दावा-आपूर्ति सामान्य
देश में कई जगहों पर पेट्रोल-डीजल की कम सप्लाई से तेल संकट गहराने का खतरा मंडरा रहा है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के कोर कमेटी के चेयरमैन और पूर्व अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने आशंका जताई है कि देश में ईंधन की कमी से आपूर्ति गंभीर रूप प्रभावित हो सकती है।

इन दावों के बीच ये भी हकीकत है कि पेट्रोल पंपों में लोगों की भीड़ लग रही है। उत्तराखंड में भी यही स्थिति है। देहरादून में तो कई पेट्रोल पंपों में तो नो पेट्रोल की तख्तियां भी लग रही हैं। इससे साफ है कि आपूर्ति सामान्य नहीं है। लोगों को आशंका है कि कहीं, भारत में श्रीलंका की तरह तेल संकट पैदा ना हो जाए। ऐसे में वे लोग भी पेट्रोल पंप की तरफ वाहन लेकर रुख कर रहे हैं, जिन्हें शायद वर्तमान में इसकी जरूरत भी नहीं है। निकटवर्ती राज्य यूपी के सहारनपुर में भी यही स्थिति है। भले ही तेल कंपनियां कितने भी दावे करें, लेकिन पेट्रोल पंपों पर-नो पेट्रोल के लगे बोर्ड ही हकीकत बयां कर रहे हैं।
देश भर में लाखों ट्रक ऑपरेटरों के संगठन एआईएमटीसी के सदस्य बल मलकीत सिंह ने कहा कि हमने तुरंत इस मामले को पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल विपणन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाया है। डीजल की आपूर्ति कम होने से स्थिति खतरनाक हो सकती है, क्योंकि यह सीधे आपूर्ति श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा कि कारखाने और खुदरा आउटलेट अपने इन्वेंट्री स्तर को निम्न स्तर पर रखते हैं और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जिसमें आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में स्थिति और अधिक विकट हो सकती है। हमें उम्मीद है कि सरकार बहुत देर होने से पहले जरूरी कदम उठाएगी ताकि आपूर्ति श्रंखला बरकरार रहे।
पेट्रोल-डीजल सप्लाई की अघोषित कटौती से संकट गहरा सकता है। कई पंप सूखने जैसी स्थिति में हैं। जिन पंपों पर ईंधन है भी, तो वहां तीन-चार दिन का ही स्टॉक बचा है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है। यदि सप्लाई ठीक नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिन के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। सबसे ज्यादा दिक्कत डीजल को लेकर है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।