पीएसीएल निवेशकों ने देहरादून जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन, सेबी अध्यक्ष को भेजा ज्ञापन

आज आल इंडिया इंवेस्टर आर्गेनाइजेशन के बैनर तले पीएसीएल के निवेशकों ने आज जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन। इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से सेबी अध्यक्ष को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। इसमें निवेशकों की पीएसीएल कंपनी में निवेशित धनराशि का अविलंब भुगतान कराने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि आल इंडिया इंवेस्टर आर्गेनाइजेशन (AISO) पीएसीएल के निवेशकों की ओर से गठित राष्ट्रीय पंजीकृत संगठन है, जो पीएसीएल कंपनी में निवेशित अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए वर्ष 2015 से निरंतर संघर्षरत हैं। दो फरवरी 2016 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के उपरांत भी निवेशकों को भुगतान नहीं मिला है। कमेटी की ओर से जारी दिशा-निर्देश के चलते निवेशकों के समक्ष बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया गया कि इसके समाधान के लिए संगठन की ओर से निरंतर पत्र व्यवहार, मेल 26 फरवरी 2018 को तत्कालीन सेबी चेयरमैन अजय त्यागी, 14 मार्च 2019 को कमेटी के तत्कालीन नोडल अधिकारी अनीता केंकरे से भी मिल कर प्रमाण के साथ समस्या रखी गई। साथ ही समाधान की मांग की गई थी। आश्वासन के उपरांत भी किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसके विरोध में 10 सितंबर 2024 को जंतर-मंतर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर धरना प्रदर्शन किया गया था। आज तक भी किसी समस्या पर कोई विचार नहीं किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं प्रमुख मांगें
1- जिन निवेशकों के निवेश से संबंधित ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स पीएसीएल ऑफिस में जमा हो जाने, गुम हो जाने, खराब हो जाने, अर्थात मूल प्रमाण पत्र न होने के कारण ऑनलाइन क्लेम नहीं हो पाए। ऐसे निवेशक बड़ी संख्या में हैं। उनकी समयावधि 2014-15 में पूर्ण हो चुकी थी। ऐसे निवेशकों का कोई अन्य लीगल डाक्यूमेंट ले कर अतिशीघ्र ओनलाइन पोर्टल या आफलाइन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
2- कंपनी प्रथम एवं अंतिम रसीद ले कर भुगतान करती थी। इसलिए निवेशक बीच की रसीदों का कोई औचित्य न मान कर संभाल कर नहीं रख पाए। अतः कंपनी के नियमानुसार एवं कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार पूर्ण भुगतान किया जाए। चूंकि समस्त रसीदों में इंस्टालमेंट नंबर एवं ड्यूडेट अंकित है।
3- कुछ निवेशक ने जानकारी के अभाव में ऑनलाइन क्लेम करते समय प्लॉट अलॉटमेंट की ऑप्शन में यस टिक कर दिया। इस पर उन्हें भुगतान नहीं किया गया, जबकि उन्हें कोई भी प्लॉट नहीं मिला है। अतः अलॉटमेंट निरस्त कर भुगतान किया जाए।
4- कुछ निवेशकों को Deferred Cash मानकर भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे मामलों का समाधान कर भुगतान किया जाए।
5- कुछ निवेशक नें आर्थिक आवश्यकता पड़ने पर अपने किसी संबंधी या मित्र से कानूनी समझौता कर उन्हें अपनी पॉलिसी बेच दी। उनसे अपने पैसे ले लिए। वहीं, कंपनी के रिकॉर्ड में खरीदने वाले के नाम इंडोर्समेंट हो चुका था। ऐसे निवेशकों को कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार भुगतान कर दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
6- जिन निवेशकों की मृत्यु हो चुकी है, उनके उत्तराधिकारी को अधिकृत कर भुगतान किया जाए।
7- अधिकांश निवेशक ग्रामीण क्षेत्र से है, जहां ऑनलाइन की सुविधा नहीं है। उनके लिए कमेटी की ओर से ऑफलाइन क्लेम करने का आश्वासन दिया गया था, जो आज तक नहीं हो पाया। इस समस्या का समाधान किया जाए।
8- कमेटी की ओर से दिए जा रहे भुगतान में अनावश्यक त्रुटि दर्शाकर अधिकांश निवेशकों का भुगतान रोका गया है। 70% मिलान होने पर भुगतान करने का आश्वासन मिला था। जो नहीं किया गया। ऐसे निवेशकों का शीघ्र भुगतान किया जाए।
9- कमेटी 2016 से लेकर आज तक ₹19000 तक के मात्र 20.84 लाख निवेशकों का ही भुगतान कर पाई है। उसमें भी मूल धनराशि का भुगतान नहीं हो पाया है। इसका भी समाधान अपेक्षित है।
10- लोढ़ा कमेटी में संगठन की भी भागीदारी सुनिश्चित हो। ताकि समय-समय पर निवेशकों की समस्याओं पर चर्चा करके समाधान किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
ज्ञापन में देने वाले वालों में एआईएसओ के प्रान्तीय अध्यक्ष आरएस बिष्ट, सुधा देवली, बिजय लक्ष्मी, राजेन्द्र, सतेश्वरी कुकरेती, पार्वती रावत, सरला सेमवाल, सुनीता, नीमा रावत, सुनील चौहान, शकुंतला नेगी, सोम कश्यप, तारा, सुरेश नेगी, सौरभ, प्रदूष नेगी, प्रदीप, बिरेंद्र, प्रदीप, दिनेश आदि शामिल थे। सीपीएम राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित एवं देहरादून सचिव अनन्त आकाश ने प्रदर्शन में पहुंच कर आन्दोलन का समर्थन किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।