कैबिनेट मंत्री के खिलाफ विपक्षी दलों और जनसंगठनों का सीएम आवास कूच, पुलिस ने रोका, धक्कामुक्की, दावा किया कई हुए घायल

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा सत्र के दौरान पहाड़ के लोगों के लिए की गई टिप्पणी का विरोध प्रदेशभर में बढ़ता जा रहा है। मंत्री पर पहाड़ के लोगों को गाली देने का आरोप लगाया गया। हालांकि, मंत्री ने जवान फिसलने पर माफी भी मांग की, फिर भी लोगों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज रविवार को विपक्षी दलों एवं जनसंगठनों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्तगी की मांग की गई। साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन देहरादून के उपजिलाधिकारी सदर हरिगिरि को सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज विभिन्न राजनैतिक दलों, जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने दिलाराम चौक से सीएम आवास की तरफ कूच किया। प्रदर्शनकारी प्रेमचन्द अग्रवाल की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। हाथीबड़कला में बैरेकैडिंग पर पुलिस से प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान धक्का मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये कही गई बात
ज्ञापन में कहा गयाकि 19 फरवरी को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से विधायक लखपत सिंह बुटोला के साथ अभद्र व्यवहार एवं पहाड़वासियों के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया। बताया गयाकि बदरीनाथ विधायक अपने सुदूर पर्वतीय क्षेत्र की समस्या सदन में रख रहे थे, तो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आपा खो दिया। उन्होंने पहाड़ के प्रति असंसदीय भाषा का प्रयोग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कहा गया कि हैरत की बात है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने संसदीय कार्य मंत्री को रोकने और टोकने की बजाय बुटोला को ही बैठने को कहा। साथ ही कुर्सी से खड़ी होकर उन्हें धमकाया। इसकी वीडियो वायरल हुई। तर्क दिया गया कि वीडियो को देखकर साफ पता चलता है कि विधानसभा अध्यक्ष कितनी तैश में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

1- संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को अविलंब मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
2- यह संज्ञान में आया है कि ऋषिकेश बद्रीनाथ मार्ग पर कौडियाला में सड़क से लगी वन भूमि पर प्रेमचंद्र अग्रवाल का होटल निर्माणाधीन है। इसकी भूमि खरीद, भू-उपयोग, राष्ट्रीय राजमार्ग का अनापत्ति प्रमाणपत्र व निर्माण संबंधी मानचित्र सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन, सभी कुछ संदेह के दायरे में है। अतः उक्त निर्माण पर रोक लगाते हुए सभी संबंधित विभागों से गहन जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्यवाही की जाय।
3- प्रेमचंद अग्रवाल की विगत 25 वर्षों से अर्जित चल अचल संपत्ति की ईडी व आयकर विभाग से गहन जांच कराई जाए।
4- प्रदेश के एक महत्वपूर्ण वर्ग जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और 42 से ज्यादा शहादतें दी। उस वर्ग के प्रति द्वेष की भावना रखते हुए अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भी उनके विरुद्ध संगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाय।
5- विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा सदन में पक्षपात पूर्ण रुख अपनाया गया। पहाड़ वासियों के प्रति अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने वाले संसदीय कार्य मंत्री को रोकने की बजाय पहाड़ की पीड़ा सदन में रखने वाले विधायक को धमकाया जाना विधानसभा अध्यक्ष जैसे गरिमा मय पद का भी अपमान है। अतः उन्हें भी विधानसभा अध्यक्ष के पद से हटाया जाए। यही नहीं उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर दिल्ली, राजस्थान, बिहार सहित बाहरी प्रदेशों के अपने चहेते लोगों को विधानसभा में नियुक्त प्रदान की है। इसकी भी जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों में यूकेडी नेता पूरणसिंह कठैत, आनन्द जुयाल, सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, यूकेडी की केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत, मेजर सन्तोष भण्डारी, सीपीएम से अनन्त आकाश, एस एस नेगी, जनवादी महिला समिति से नुरैशा अंसारी, नितिन मलेठा, हिमान्शु चौहान, रविन्द्र नौडियाल, रामसिंह भण्डारी, चिन्तन सकलानी, सुरेशकुमार, नवनित गुंसाई, बालेश बबानिया, सुभागा फसर्वाण, लताफत हुसैन, जब्बर सिंह पावेल, राजेन्द्र शर्मा, किरण यादव, हरीश कुमार आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।