विश्व में तेजी से फैल रहा है ओमिक्रॉन, भारत में भी गति पकड़ी, ब्रिटेन में अप्रैल तक 75000 मौत की आशंका, चेतावनी जारी
विश्व में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन अब तेजी से फैलने लगा है। धीरे धीरे ये भारत में भी पांव परारने लगा है। वहीं, एक अध्ययन में कहा गया है कि यदि जल्द कोई ठोस उपाय नहीं होते तो अप्रैल के अंत तक ब्रिटेन में इससे 75000 लोगों की मौत हो सकती है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एदोनाम गेब्रेसस ने संवाददाताओं से बातचीत में मंगलवार को कहा कि 77 देश अब तक ओमिक्रॉन के मामलों की आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर चुके हैं। यूएन की हेल्थ एजेंसी ने कहा कि ओमिक्रॉन बेहद अप्रत्याशित गति से पैर पसार रहा है। उन्होंने कहा कि हमने कोरोना के पहले किसी वैरिएंट की इतनी तेज रफ्तार नहीं देखी।
फिलहाल ज्यादातर मरीजों में बेहद कम लक्षण
यूएन एजेंसी पहले ही कह चुकी है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट को जल्द ही कोरोना के नए मामलों में पीछे छोड़ सकता है। हालांकि उनका कहना है कि मौजूदा टेस्ट तकनीकों और इलाज की पद्धतियों के जरिये ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटा जा सकता है। ओमिक्रॉन कोरोना के अन्य वेरिएंट के मुकाबले बेहद संक्रामक घोषित किया जा चुका है। हालांकि इसमें अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के मामले बेहद कम रहे हैं। ओमिक्रॉन के ज्यादातर मरीजों में बेहद कम लक्षण या न के बराबर लक्षण मिलते हैं।
किए जा रहे हैं सुरक्षा के उपाय
ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए तमाम देशों ने अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों के लिए तमाम अंकुश लगा दिए हैं। एयरपोर्ट पर आने वाले विदेश यात्रियों के लिए भारत ने भी आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया है। कोविड पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्तियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट के परिणाम आने तक क्वारंटाइन रहने की शर्त भी है। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को बूस्टर डोज देने का अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि बूस्टर डोज इस वैरिएंट के खिलाफ कितनी कारगर होगी, इसका कोई डेटा अभी तक नहीं है।
टीकाकरण की कम रफ्तार चिंताजनक
टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज दिए जाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन टीकाकरण को लेकर असमानता से चिंतित है। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि एक बात मैं स्पष्ट कर देता हूं कि सिर्फ वैक्सीन किसी देश को इस संकट से उबार नहीं सकती। देशों को ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोकना होगा, लेकिन तमाम देशों के बीच टीकाकरण की दर में काफी अंतर है। 41 देशों में अभी भी वैक्सीनेशन 10 फीसदी पात्र आबादी तक नहीं पहुंचा है। 98 देशों में अभी यह 40 फीसदी तक नहीं पहुंचा है। तमाम देशों में आबादी के विभिन्न समूहों में टीकाकरण की दर अलग-अलग है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, अगर हम असमानता खत्म कर देंगे तभी कोविड-19 महामारी को भी खत्म कर पाएंगे। अगर हम असमानता तो इसी तरह जारी रहने देंगे तो महामारी भी इसी तरह कायम रहेगी।
भारत में कुल संक्रमितों की संख्या पहुंची 57
महाराष्ट्र में एक दिन में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के आठ और दिल्ली में मिले चार नए मामलों के साथ देश में कुल संक्रमित 57 हो गए हैं। वहीं एक दिन में ओमिक्रॉन के नौ मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। महाराष्ट्र में मंगलवार को सात मामले केवल मुंबई में सामने आए, जबकि एक मामला पड़ोसी वासी विरार में मिला है। इनमें से किसी के भी विदेश यात्रा का रिकॉर्ड नहीं है।
इसके साथ ही महाराष्ट्र में कुल मामले 28 हो गए हैं, जिनमें 12 मुंबई के, 10 पिंपड़ी चिंचवड़, दो पुणे शेष अन्य शहरों के हैं। वहीं, दिल्ली में भी आज ओमिक्रॉन के चार नए मरीज मिले। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नए स्वरूप के कुल संक्रमितों की संख्या छह हो गई है। वहीं, तमिलनाडु में नाइजीरिया से दोहा होते हुए तमिलनाडु आया 47 वर्षीय शख्स संक्रमित पाया गया। इस बीच, सरकार ने कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने में ढिलाई के खिलाफ चेतावनी दी है। लोगों से टीकाकरण में देरी नहीं करने का आग्रह किया है।
नए वेरिएंट में वैक्सीन भी हो सकती है अप्रभावी
कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ी चिंता के बीच कोविड पैनल के प्रमुख डॉ. वी के पॉल ने मंगलवार को साफ तौर पर चेताया कि इस बात की आशंका है कि नए वैरिएंट से वैक्सीन भी अप्रभावी हो। उन्होंने कहा कि भारत के पास ऐसे टीका मंच होने चाहिए, जो वायरस के बदलते स्वरूप के साथ ”त्वरित अनुकूलनीय” हों। उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पॉल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में कोविड-19 महामारी, स्थानिकता की दिशा में बढ़ रही है, जहां कम और मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है।
उन्होंने कहा कि संभावित परिदृश्य है कि उभरती परिस्थितियों में हमारे टीके अप्रभावी हो सकते हैं। ओमिक्रॉन के सामने आने के बीच पिछले तीन सप्ताह में, हमने देखा कि किस तरह कई तरह के संदेह सामने आए, जिनमें से कुछ वास्तविक भी हो सकते हैं। अब भी हमारे सामने अंतिम तस्वीर नहीं है। नीति आयोग के सदस्य पॉल ने कहा कि इसलिए, हमारे लिए यह आवश्यक है कि हमें त्वरित अनुकूलनीय टीका मंच होने को लेकर सुनिश्चित होना चाहिए। हमे ऐसी स्थिति के लिए खुद को तैयार रखना होगा। जहां हम बदलती परिस्थिति के अनुसार टीके में सुधार कर सकें। ऐसा हर तीन महीने में नहीं किया जा सकता। हालांकि, ऐसा हर साल करना संभव हो सकता है।
ब्रिटेन में उपाय नहीं किए तो अप्रैल तक हो सकती है 75000 की मौत
ब्रिटेन में यदि अतिरिक्त नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए तो अगले साल अप्रैल तक कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन से 25,000 से 75,000 लोगों की मौत हो सकती है। यह जानकारी मॉडलिंग पर आधारित एक अध्ययन में दी गयी है। अध्ययन से पता चलता है कि ओमीक्रोन में इंग्लैंड में संक्रमण की लहर पैदा करने की क्षमता है। यह जनवरी 2021 के दौरान बड़े पैमाने पर हुए संक्रमण और अस्पताल में दाखिल कराने के मामलों की तुलना में उच्च स्तर तक पहुंच सकता है। इस अध्ययन की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा अभी बाकी है।
इस अध्ययन के लिए ‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन’ (एलएसएचटीएम) के अनुसंधानकर्ताओं ने ओमीक्रोन के एंटीबॉडी से संबंधित नवीनतम प्रयोगात्मक डेटा का इस्तेमाल किया है। सबसे आशावादी परिदृश्य के तहत, संक्रमण की एक लहर की आशंका व्यक्त की गयी है, जिसके तहत प्रतिदिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का आंकडा 2,000 से अधिक पहुंच सकता है। इस परिदृश्य के तहत, यदि नियंत्रण के अतिरिक्त उपाय नहीं किया जाता तो एक दिसंबर, 2021 से 30 अप्रैल, 2022 के बीच अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 1,75,000 और काल-कवलित होने वालों की संख्या 24,700 तक पहुंच सकती है।
इस परिदृश्य में, 2022 की शुरुआत में इनडोर आतिथ्य पर प्रतिबंध, कुछ मनोरंजन स्थलों को बंद करने और लोगों के जमा होने की संख्या तय करने जैसे उपायों से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 53,000 की और मौतों की संख्या में 7,600 की कटौती हो सकती है। एलएसएचटीएम की रोसन्ना बर्नार्ड ने कहा कि ओमीक्रोन की विशेषताओं के बारे में बहुत अनिश्चितता है, और क्या इंग्लैंड में ओमीक्रोन उसी रास्ता को अख्तियार करेगा जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में इसने किया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।