कॉलेजों में शिक्षकों का प्रदर्शन जारी, डीएवी में एनएसयूआइ ने सरकार की बुद्धि शुद्धि को किया हवन
सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों का अनुदान जारी रखने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मियों का आंदोलन जारी रहा। आज भी एक घंटे शिक्षकों ने कॉलेज प्रांगण के समक्ष प्रदर्शन किया। वहीं, एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन दिया। डीएवी पीजी कालेज में तो एनएसयूआइ ने अशासकीय कॉलेजों में अनुदान कोरने के खिलाफ सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन किया।
उच्च शिक्षा के शिक्षकों की मांग है कि महाविद्यालयों में अनुदान की व्यवस्था पूर्व की भांति करने की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 में वर्तमान में लागू उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के कुछ महत्वपूर्ण प्रायोजन शामिल नहीं किए जाने से शिक्षको और कर्मचारियों को वेतन भुगतान की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
उच्च शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि मुख्यमंत्री ने अशासकीय स्कूलों में अनुदान रोकने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया, लेकिन उच्च शिक्षा संस्थानों को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया। इससे शिक्षकों के साथ ही कर्मचारियों में भविष्य के प्रति चिंता होना स्वाभाविक है। उनका कहना था कि अनुदान बंद होने से अधिकांश सहायता प्राप्त महाविद्यालय बंदी की कगार में पहुंच जाएंगे। साथ ही छात्रों का भविष्य भी चौपट होगा। क्योंकि इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं होती है कि वे निजी स्कूलों में दाखिला लेकर वहां की भारी भरकम फीस का वहन कर सकें।