अब उत्तराखंड में पानी के बिल में भी हो रही है बढ़ोत्तरी, हर साल होती है नौ से 11 फीसद की बढ़ोत्तरी
महंगाई की मार झेल रहे उत्तराखंड के लोगों को अब पानी के बिलों से भी झटका मिल सकता है। बिजली दरों में 2.68 फीसद की बढ़ोत्तरी का निर्णय पहले ही हो चुका है। वहीं, अब पानी के बिलों में भी नौ से 11 फीसद की बढ़ोत्तरी अप्रैल माह से लागू कर दी जाएगी।
महंगाई की मार झेल रहे उत्तराखंड के लोगों को अब पानी के बिलों से भी झटका मिल सकता है। बिजली दरों में 2.68 फीसद की बढ़ोत्तरी का निर्णय पहले ही हो चुका है। वहीं, अब पानी के बिलों में भी नौ से 11 फीसद की बढ़ोत्तरी अप्रैल माह से लागू कर दी जाएगी। ऐसे में अब आपका पानी का बिल हर माह 15 से 25 रुपये बढ़ जाएगा। शासन की व्यवस्था के तहत हर साल एक अप्रैल से पानी के बिल में वृद्धि हो जाती है।शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल में हर वर्ष 11 प्रतिशत के करीब बढ़ोतरी होती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में घर में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें बढ़ोतरी का निर्धारण किया जाता है। घर में दो नल होने पर बिल में नौ प्रतिशत और दो से अधिक नल होने पर 11 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है। जल संस्थान की ओर से हर तीन माह में पानी के बिल जारी किए जाते हैं।
इसमें हर माह 15 से 25 रुपये की वृद्धि को पैमाना मानें तो अब बिल में 45 से 75 रुपये अधिक भुगतान करना होगा। क्योंकि अब बिल तीन माह के अंतराल में आता है। ऐसे में पानी के बिलों में बढ़ोत्तरी भी उपभोक्ताओं को परेशान करेगी। इसमें शासन की ओर से ही संशोधन या बदलाव किया जा सकता है। पानी के बिल में विलंब शुल्क में दी जा रही छूट भी आज से नहीं मिलेगी। यह रियायत केवल मार्च में दी जाती है। अब पिछला बिल जमा करने पर उपभोक्ताओं से पूर्ण विलंब शुल्क वसूला जाएगा।





