अब कैमिस्ट की दुकान में कोविडरोधी टीकों को बेचने की तैयारी, एक्सपर्ट कमेटी ने की मंजूरी की सिफारिश
अब केंद्र सरकार कोविडरोधी टीकों को कैमिस्ट की दुकानों में बेचने की तैयारी कर रही है। यानी ऐसा भी हो सकता है कि कोरोना की तीसरी या फिर चौथी डोज को फ्री लगाने से सरकार पल्ला भी झाड़ सकती है। देश के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने बुधवार को कोविड रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन को नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि अभी देश में इन टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी है। फार्मा कंपनियों-सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को अपने कोविड रोधी टीकों- क्रमश: कोविशील्ड और कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए आवेदन जमा किए थे।
एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था। इस पर डीसीजीआई ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल ही में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था। माना जाता है कि सिंह ने अपने जवाब में कहा कि भारत में चरण 2/3 चिकित्सीय अध्ययन के सफलता से पूरा होने के साथ ही अब तक इस देश और दुनियाभर में लोगों को कोविशील्ड टीके की 100 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा था, ‘कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावकारिता का प्रमाण है। वहीं, कुछ हफ़्ते पहले डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी.
वी कृष्ण मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती ली। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को दूसरी बार एसआईआई और भारत बायोटेक के आवेदनों की समीक्षा की और कुछ शर्तों के साथ कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन को नियमित विपणन की मंजूरी देने की सिफारिश की। पिछले हफ्ते की बैठक के दौरान एसईसी ने दोनों कंपनियों से अधिक डेटा और जानकारी मांगी थी।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।