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September 25, 2024

अब जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस ने दिखाने शुरू किए उग्र तेवर, दिया धरना, जानिए क्या है कारण

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उत्तराखंड में अब कांग्रेस को एक बार फिर से जनसमस्याओं को याद आई। साथ ही इसे लेकर कांग्रेस ने उग्र तेवर दिखाने शुरू कर दिए। कारण साफ है कि स्थानीय निकायों के चुनाव। ऐसे में आज देहरादून जिले में राशन वितरण से सम्बंधित समस्याओं को लेकर महानगर देहरादून कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यालय के बाहर कांग्रेसी धरने पर भी बैठे। साथ ही अधिकारी का घेराव भी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में एकत्रित हुए और वहां से जुलूस की शक्ल में महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी के नेतृत्व में डिस्पेंसरी रोड स्थित जिला पूर्ति अधिकारी के कार्यालय के बाहर पहुंचे। यहां पर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए कार्यालय के समक्ष कुछ देर धरना भी दिया। बाद में कार्यकताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी को व्यवस्था को तत्काल सुधारने की मांग करते हुए एक ज्ञापन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरने के दौरान आयोजित सभा में महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी ने कहा कि पूर्व में जब कांग्रेस की सरकार थी, तो राज्य के एपीएल कार्ड धारकों को 10-10 किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा था। जब से भाजपा की सरकार आई है, उसको बंद कर दिया गया है। अब मात्र साढ़े सात किलो चावल दिया जा रहा है, जो कि एक परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि पूर्व में राशन की दुकानों में चीनी भी दी जाती थी, जो बंद कर दी गयी है। इसके अलावा राशन में कोई भी अन्य सामग्री किफायती दरों पर नहीं दी जा रही है। इससे जनता महंगाई से और अधिक त्रस्त है। राशन की दुकानों पर गेहूं, चावल के अलावा कोई अन्य सामग्री नहीं दी जा रही है। रिफाइंड तेल हो, सरसों का तेल, दालें, मसाले और अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसी चीजों को राशन की दुकानों से पहले की भांति दिया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गोगी ने प्रश्न उठाया कि जब पूरी पारदर्शिता के साथ राशन वितरण किया जा रहा है और सिस्टम बायोमेट्रिक हो चुका है। तब अंगूठा लगने के बाद ही राशन क्यों दिया जाता है। राशन डीलरों का कमीशन महीनों लंबित रख कर उनका उत्पीड़न क्यों किया जा रहा है। आज 10 -15 महीने गुजर जाने के बाद भी उनका उनका कमीशन नहीं दिया गया है। उनसे फ्री में राशन बंटवाया जा रहा है। ऐसे में उनको अपनी जीविका चलाने के लाले पड़ गए हैं। राशन विक्रेताओं को एक तो जो कमीशन दिया जा रहा है, वह बहुत कम है और वह भी समय पर नहीं दिया जाता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि तत्काल एपीएल कार्ड धारकों को राहत देते हुए 15 किलो गेहूं और 15 किलो चावल दिया जाए। पूर्व में कांग्रेस शासन के समय की तरह इसके साथ में चीनी, मसाले, रिफाइंड तेल, सरसों का तेल और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थ राशन की दुकानों पर उपलब्ध कराए जाएं। ताकि आम जनता को महंगाई से राहत मिल सके और राशन विक्रेता भी लाभान्वित हो सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि राशन विक्रेताओं का भुगतान भारत सरकार की ओर से पांच माह का आवंटन कर दिया है। इसके बावजूद देहरादून में केवल तीन माह का ही भुगतान किया है। वहीं, अन्य जिलों में भुगतान पूर्ण हो गया है। जो भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट इशारा करता है। ऐसी सूचना विक्रेताओ द्वारा शिकायत दी जा रही है कि अधिकारियों द्वारा मोटी कमीशन जबरन वसूली की जा रही है। ऐसी घटना तत्काल उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को दण्डित किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य में उत्पादित पौष्टिक मोटे अनाज जैसे कोदा, झंगोरा आदि भी राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित किये जायें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कांग्रेस कार्यकर्ता इन मांगों को लेकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव नवीन जोशी, मनीष नागपाल, प्रदेश प्रवक्ता आशीष नौटियाल, पार्षद रमेश कुमार मंगू, सचिन थापा, ईतात खान, मुनिक अहमद, राजेश पुण्डिर, मौ0 फारूख, चुन्नीलाल ढिंगरा, देवेन्द्र सिंह, विरेन्द्र पंवार, शकील मंसूरी, आफताब अहमद, शहजाद अंसारी, वक्कार अहमद, उदय सिंह, मुकेश रेगमी, दलबीर, रईस, रिपु दमन सिंह, पुनम कण्डारी, अर्जुन पासी, सुमित देवरानी, अमनदीप सिंह, आदर्श सूद, साहिद अहमद जमाल, सावित्री थापा, मंजू चौहान, सुनिता गुप्ता, फैजल, हेमन्त उप्रेती, सुभाष धीमान, अवधेश कटारिया, राजेश उनियाल, अशोक कुमार, जगदीश शर्मा, पूरण आर्य आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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