उत्तराखंड का सौहार्द बिगाड़ने का किसी को हक नहीं, नए किस्म के अपराध सामने आना चिंताजनकः कांग्रेस
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उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार नए किस्म के अपराध सामने आना चिंताजनक स्थिति है। साथ ही ऐसे अपराधों में अचानक बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह के नए अपराध हाल फिलहाल में घटित हो रहे हैं, ऐसे अपराध पहले कभी सुनने को नहीं मिले। उत्तराखंड की छवि हमेशा ही एक शांति प्रिय प्रदेश की रही है। हाल में राज्य में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटनाएं, जो सामने आ रही हैं, ऐसी घटनाएं पहले कभी सुनने या देखने को नहीं मिली। उत्तराखंड का सौहार्द बिगाड़ने का हक किसी को नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा दसौनी ने कहा कि इन घटनाओं के मध्यनजर राज्य सरकार ने ऐसे लोगों पर कड़ा एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को ऐसे लोगों को चिह्नित तो करना ही चाहिए, जो उत्तराखंड के सौहार्द और समाज में जहर घोलने की मंशा से ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। साथ ही साथ आत्म अवलोकन करने की भी जरूरत है कि जो घटनाएं पहले कभी सुनने को नहीं मिली, वह आज उत्तराखंड में क्यों घटित हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि यह घटनाएं हमारे पर्यटन के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण और गंभीर है। उत्तराखंड की रीड की हड्डी उसका धार्मिक, साहसिक और मेडिसिनल पर्यटन है। ऐसे में एक सुरक्षित और भरोसेमंद उत्तराखंड की हमारी छवि को इन घटनाओं से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बाहरी और भीतरी अल्पसंख्यक वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि यह मौका उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सारी घटनाएं कानून व्यवस्था से संबंधित हैं। ऐसे में प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर में कहां कमी रह गई, जो अपराधियों के मंसूबे दिन प्रतिदिन मजबूत होते जा रहे हैं। इस ओर विचार करने के बजाय सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष को सियासत करने की सूझ रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने महेंद्र भट्ट से पूछा कि उनकी सरकार ने जिस मुफ्ती शामून काजमी को मदरसा बोर्ड का चेयरमैन बनाया है, वह बिजनौर से ताल्लुक रखते हैं। इसे बाहरी कहें या भीतरी। वही छह महीने पहले वक्फ बोर्ड ने विकासनगर मस्जिद का सदर जिस खालिद मंसूरी को बनाया था, वह उत्तर प्रदेश का वांटेड क्रिमिनल निकला। जिसे सहारनपुर पुलिस पिछले दिनों गिरफ्तार करके ले गई। क्या उसे मस्जिद का सदर बनाने से पहले उसका बैकग्राउंड चेक नहीं किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि क्या महेंद्र भट्ट कोरोना काल में बद्रीनाथ के विधायक के तौर पर दिए गए अपने उस बयान को भूल गए, जिसमें उन्होंने एक बहुत ही भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान देते हुए कहा था कि राज्य के हिंदुओं को नाई की दुकान में जाने से पहले हनुमान जी की तस्वीर है या नहीं, यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। गरिमा ने कहा कि दरअसल महेंद्र भट्ट को भूलने की बीमारी है और अब निकाय पंचायत और केदारनाथ उपचुनाव के मध्य नजर महेंद्र भट्ट इतनी गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि राज्य में महिला अपराध हत्या डकैती लूट में तो बढ़ोतरी हो ही रही है, पर लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटनाएं तो उत्तराखंड में आज से पहले कभी नहीं हुई। क्या इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार लेगी। दसोनी ने कहा कि प्रदेश के सौहार्द के साथ किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। यह उत्तराखंड की सामाजिक ताने-बाने के लिहाज से शुभ संकेत नहीं है, जो सभी प्रदेश वासियों के लिए चिंता का विषय है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।