एमपी के कृषि मंत्री का विवादित बयान, अवार्ड वापस करने वालों को कहा- नहीं हैं देशभक्त
किसान आंदोलन के दौरान कई हस्तियों की ओर से इसके समर्थन में पुरस्कार लौटाने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। अब तक करीब 30 से अधिक खिलाड़ी अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसा मोदी सरकार के शासन में दूसरी बार हो रहा है जब पुरस्कार लौटने का का सिलसिला चला है। वहीं, भाजपा के नेता और मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसे लेकर विवादित बयान दे डाला।
उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में अवार्ड वापस की घोषणा करने वाले लोगों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि- जो लोग भारत माता को भला बुरा कह रहे थे और देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा गया। उन्होंने कहा कि यह तथाकथित अवार्डी और बुद्धिजीवी, देशभक्त नहीं हैं।
सबसे पहले अकाली दल के दो नेताओं की की थी घोषणा
किसान आंदोलन के पक्ष में कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर सबसे पहले अकाली दल के दो नेता प्रकाश सिंह बादल ने पद्मविभूषण और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने पद्मभूषण अवार्ड वापसी का ऐलान किय था।
मोदी सरकार के काल में ऐसा दूसरी बार
मोदी सरकार के काल में अवार्ड वापसी का सिलसिला दूसरी बार हो रहा है। पहली बार 2015 में देश में बढ़ती हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी पर उठे सवाल के बाद अवार्ड वापसी का दौर चला था। अब ठीक पांच साल बाद 2020 में देश में एक बार फिर अवार्ड वापसी का दौर चल रहा है।
घोषणा करने वालों की लिस्ट हो रही लंबी
आंदोलन के साथ ही अवार्ड वापसी की घोषणा करने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। राष्ट्रीय बॉक्सिंग टीम के पूर्व कोच गुरबक्श सिंह संधू ने भी किसानों की मांगों के समर्थन में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना तो वे अपना द्रोणाचार्य पुरस्कार लौटा देंगे। संधू जब बॉक्सिंग टीम के कोच थे तो भारत को मुक्केबाजी का पहला ओलिंपिक मेडल मिला था।
उनके बाद पूर्व पहलवान और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करतार सिंह, बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी अवार्ड वापरसी की घोषणा की। वहीं, किसान आंदोलन के पक्ष में पंजाबी के मशहूर कवि सुरजीत पातर ने भी अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि किसानों के साथ सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है उससे मैं आहत हूं। इसलिए मैंने पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है। कल करीब तीस खिलाड़ियों ने अवार्ड वापसी के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर कूच भी किया था। उन्हें रास्ते में रोक दिया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।