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December 20, 2024

मोदीजी हमने आपकी मन की बात सुनी, आप हमारी भी सुन लो, हम अनाथ नहीं होना चाहते हैं

कश्मीरी पंडित कर्मचारी की छोटी बच्चियों की भी वीडियो सोशल मीडिया में वायल हो रही है। एक बच्ची ने पीएम मोदी के गुहार लगाई कि-मोदी जी हम आपकी मन की बात सुनते हैं। अब आप हमारी भी बात सुन लो।

हाल ही में जब जम्मू कश्मीर की बड़गाम में तहसील दफ्तर में राहुल भट्ट की आतंकियों ने हत्या की तो लोगों का गुस्सा उबल पड़ा। हालात इतने खराब हो गए कि जम्मू कश्मीर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पैकेज के तहत नौकरी करने वाले कश्मीरी पंडितों में डर का माहौल है और वो अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच कश्मीरी पंडित कर्मचारी की छोटी बच्चियों की भी वीडियो सोशल मीडिया में वायल हो रही है। एक बच्ची ने पीएम मोदी के गुहार लगाई कि-मोदी जी हम आपकी मन की बात सुनते हैं। अब आप हमारी भी बात सुन लो। हम अनाथ नहीं होना चाहते हैं। हमें बचा लीजिए। वीडियो में बच्ची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने की गुहार लगा रही है।
करीब एक मिनट से अधिक के इस वीडियो में बच्ची कह रही है कि मैं एक कश्मीरी पीएम पैकेज कर्मचारी की बेटी हूं। कश्मीर में लक्षित हत्याएं बहुत बढ़ गई हैं। कश्मीरी पंडितों को पहले भी यहां से भगाया गया था। अब दोबारा ऐसा न हो, इसके लिए कर्मचारियों का स्थानांतरण कश्मीर से बाहर कहीं करवा दीजिए। हमें अनाथ होने से बचा लीजिए। हम अपने माता-पिता को नहीं खोना चाहते।
इस मार्मिक अपील में उस बच्ची का कहना है कि वो अनाथ नहीं होना चाहती। उसके पिता का कहीं भी ट्रांसफर कर दो लेकिन कश्मीर से बाहर निकाल लो। हाथ जोड़कर वो बच्ची कह रही है प्लीज हमारा ट्रांसफर कश्मीर से बाहर कराइए। मैं पीएम पैकेज कर्मचारी की बेटी हूं। यहां पर टारगेट किलिंबग बढ़ गई है। मैंने सुना है कि पहले भी हमें भगाया है। हमारा ट्रांसफर कहीं करा दीजिए। अगर हमारे लिए कुछ करेंगे तो भी टारगेट किलिंग नहीं रुकेगी। हम अनाथ नहीं होना चाहती। मैं अपने पैरेंट्स को नहीं खोना चाहती हूं। कोई भी बच्चा अपने पैरेंट्स को नहीं खोना चाहता।
बच्ची आगे कहती है कि आप किसी तरह से हमें यहां से बाहर निकाल दीजिए। ट्रांसफर करा दीजिए। जम्मू भेजवा दीजिए या कहीं और। वो कहीं भी रह लेंगे। प्लीज मेरी समझिए,हमारी मदद करिए। बता दें कि हाल के दिनों में टारगेट किलिंग की संख्या में इजाफा हुआ है। जानकार कहते हैं कि सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति के आगे आतंकी नेटवर्क कमजोर हो चुका है। लिहाजा वो साफ्ट टारगेट पर निशाना साध रहे हैं। इस तरह की हत्याओं के जरिए वो आम लोगों के मन में खौफ पैदा करना चाहते हैं। इसके साथ ही इस तरह की घटनाओं से विपक्षी दल भी अपना राजनीतिक मकसद साधते हैं। जब कभी भी कश्मीर में इस तरह की घटना होती है तो केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। वहीं, बडगाम जिले की शेखपोरा पंडित कॉलोनी, श्रीनगर के इंदिरा नगर आदि इलाकों में कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन जारी है। कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की एक ही मांग है कि उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित किया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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